फोन चोरी होना सिर्फ एक डिवाइस के गुम होने जैसा नहीं होता—यह आपकी निजी तस्वीरों, महत्वपूर्ण दस्तावेजों और यादों का भी खत्म हो जाना है। चोर फोन को सेकंड-हैंड मार्केट में बेचकर मोटा मुनाफा कमा लेते हैं, लेकिन गूगल अब उनकी इस “आसान कमाई” पर रोक लगाने जा रहा है। कंपनी एंड्रॉइड 16 के साथ Factory Reset Protection (FRP) नाम का एक ऐसा टूल लॉन्च कर रही है, जो चोरों के लिए फोन को दोबारा इस्तेमाल करने लायक बनाना नामुमकिन कर देगा।
चोरों के लिए अब क्यों बेकार हो जाएंगे चोरी के फोन?
अभी तक चोर फोन चुराकर थर्ड-पार्टी सॉफ्टवेयर की मदद से उसे फैक्ट्री रीसेट कर देते थे, जिससे डिवाइस में मौजूद यूजर का डेटा तो डिलीट हो जाता था साथ ही फोन भी नए सिरे से बिकने लायक बन जाता था। मगर गूगल का नया FRP फीचर इस प्रक्रिया को ही असंभव बना देगा। अब फोन को रीसेट करने के लिए चोर के पास या तो डिवाइस का पासवर्ड होना चाहिए या फिर उससे लिंक गूगल अकाउंट की एक्सेस—जो कि उसके पास होगी नहीं!
यूजर्स को क्या मिलेगा फायदा?
- चोर द्वारा रीसेट करने की कोशिश करने पर गूगल यूजर को नोटिफिकेशन भेजेगा।
- Find My Device की मदद से फोन की लोकेशन ट्रैक करना आसान होगा।
- चोर फोन को बेच नहीं पाएगा, क्योंकि बिना पासवर्ड या अकाउंट एक्सेस के वह सिर्फ एक पेपरवेट बनकर रह जाएगा।
कब तक मिलेगा ये फीचर?
गूगल की डेवलपर कॉन्फ्रेंस (20-21 मई) में एंड्रॉइड 16 का ऐलान होगा, और इसी के साथ FRP टूल भी पेश किया जाएगा। उम्मीद है कि यह फीचर 2025 के अंत तक यूजर्स को मिलना शुरू हो जाएगा।
क्या अब पूरी तरह सुरक्षित होंगे हमारे फोन?
गूगल का यह कदम निश्चित रूप से फोन चोरी को कम करने में मददगार साबित होगा, लेकिन यूजर्स को भी पासवर्ड मैनेजमेंट और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जैसी सावधानियां बरतनी होंगी। फिर भी, अब चोरों के लिए फोन चोरी करना एक “नुकसान का सौदा” बनने वाला है—क्योंकि बिना एक्सेस के वह डिवाइस किसी काम का नहीं रह जाएगा!