RRR (Rise Roar Revolt) Movie Review in Hindi:- जिस तरह शानदार खीर बनाने का एक ओल्ड एज फॉर्मूला है कि दूध को इतना उबालिये की पतीले का दूध आधा हो जाये और फिर उसमें मुठ्ठी भर चावल डालिए। उसी तरह यह सुपर हिट फ़िल्म भी फिल्मों के ओल्ड एज फार्मूला आजादी के लड़ाई के प्लॉट पर देशभक्ति , दोस्ती, जाबांजी, प्यार और मायथोलॉजी का शानदार मिश्रण पर बनी है जो शुरुवात के पहले मिनट से ही दिल मे उतरने लगती है।
और सोने पर सुहागा ये की अगर डायरेक्टर को ये सब दिखाने के लिए बहुधा समय -बहुधा बजट ,जूनियर एनटीआर और राम चरण जैसी स्टारकास्ट मिले और डायरेक्टर बाहुबली फेम एस.एस राजामौली है तो सिनेमाप्रेमियों को भूतों न भविस्यतिः वाली फीलिंग मिलना कोई बड़ी बात नही।
जिस तरह खीर बनाने वालों ने समय के साथ मौलिक तरीकों में बदलाव न करके नए नए मसाले जोड़े है ताकि खीर और स्वादिष्ट बने, फ़िल्म बनाने वाले ने भी बीजीएम जैसे साउंड इफ़ेक्ट, वीएफएक्स जैसे सिनेमैटोग्राफ़ी इफ़ेक्ट जोड़े है ताकि फ़िल्म नए बॉटल में पुरानी शराब की तरह दिलो में उतर जाए ।
क्या है फ़िल्म की प्लाट?
आरआरआर (राइज़ रौर रिवोल्ट) फ़िल्म 1920 के आसपास की प्लॉट पर बनी है जब अंग्रेज अपना डर बनाये रखने की कोशिश में लगे हुवे थे ताकि शासन की लगाम और सौ सा थामी जा सके ।
किरदार और उनका अभिनय
उस दौर में कई सपूत थे जिन्होंने माँ भारती के लिए जान दे दी। जिनकी तस्वीरें आज दफ़्तरों में, स्कूलों में, किताबो में पूरी श्रद्धा से रखी गई है लेकिन सिर्फ इतने ही सपूत नही थे जिन्हें हम देखते-जानते है। कुछ ऐसे भी जिनकी तस्वीरें किसी दीवार में न लग सकी और न ही उनके नाम के यशगान बने।
अल्लुरी सीताराम राजू और कोमाराम भीम भी उन्ही सपूतों में से एक थे जिन्हें न हमे कभी कहीं पढ़ाया गया और न हम कहीं ढूंढ़ पाए।
अल्लुरी के किरदार में रामचरण है तो भीम के किरदार को पर्दे पर जिंदा किया है जूनियर एनटीआर ने।
अल्लुरी के पिता के किरदार में एक 10 मिनट का कैमियो भी अजय देवगन को फ़िल्म में इतनी अच्छी जगह देता है दर्शक उन्हें सिनेमाघरों के बाहर भी याद रखेंगे।
अल्लुरी की मंगेतर बनी आलिया भट्ट भी माने तो कैमियो में ही है लेकिन ये एसएस राजामौली का जादू है कि उनके कैमियो का रोल भी फ़िल्म खत्म होने के बाद आपको याद रहेगा।
क्या है फ़िल्म का स्केल?
3 घण्टे की यह फ़िल्म दर्शकों से एक मिनट भी बेजा नही ले रही यह दर्शक खुद महसूस करेंगे। यह फ़िल्म, इसकी कहानी, इसका वीएफएक्स, इसका बीजीएम, इसके किरदार सब लाउड है।
क्या फ़िल्म कहीँ चूकती भी है?
अगर फ़िल्म इतनी बड़ी हो तो इसका थोड़ा सा चूकना भी सिनेमा के दर्शको को गँवारा नही होगा लेकिन बदकिस्मत से फ़िल्म बहुत जगहों पर चूकती है।
इतनी अच्छी फिल्म के लिए इससे बेहतर डबिंग हो सकती है, इससे बेहतर संवाद लिखे जा सकते थे। दर्शक सिनेमाघरों के बाहर फ़िल्म की कहानी तो याद रखेंगे लेकिन उस कहानी को अपने फेसबुक के फोटोज़ में कैप्शन की तरह नही लिख पाएंगे।
संवाद और डबिंग में यह फ़िल्म एस एस राजमौली की अपनी ही कृति बाहुबली के सामने उन्नीस पड़ती है।
क्या तोड़ने वाली है यह फ़िल्म सिनेमा कलेक्शन के सारे रिकॉर्ड?
यह उम्मीद संगीत, संवाद और डबिंग के औसत काम की वजह से थोड़ा सा जरूर कम होती है लेकिन अगर अभिनय की बात करे तो यह संभावित निकटतम प्रतिद्वंद्वी बाहुबली से बेहतर निकल कर आती है। कहानी की प्लाटिंग चूंकि ट्रस्ट्रेड और वेरिफाएड है तो यह कलेक्शन के सारे रिकॉर्ड तोड़ेगा या चूक जाएगा एक ऐसा सवाल बन जाता है जिसका जबाब सिर्फ वक़्त के पास है।
RRR Movie Watch Online Official Trailer (Hindi) India’s Biggest Action Drama
रेटिंग
अभिनय:-★★★★★
कहानी:-★★★★★
तकनीक:-★★★★★
संवाद-★★
संगीत:-★★★
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