PM E-Drive Yojana: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाएं लगातार देश के विभिन्न सेक्टर्स में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं। इसी कड़ी में इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में भी ‘पीएम ई-ड्राइव योजना’ ने बड़ा बदलाव किया है। इस योजना के जरिए भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिली है, जहां लोग तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपना रहे हैं। इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है, जिससे इन वाहनों की खरीददारी में जोरदार इजाफा हो रहा है।
ईवी की बिक्री में ऐतिहासिक उछाल
सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि पीएम ई-ड्राइव योजना और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) जैसी पहलों ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री में अभूतपूर्व वृद्धि की है। 2024-25 में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स की बिक्री 5,71,411 यूनिट तक पहुंच चुकी है, जो कि पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ती नजर आ रही है। वहीं, इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स जैसे ई-रिक्शा और ई-कार्ट की बिक्री भी 71,501 यूनिट के स्तर तक पहुंच गई है, जो इस क्षेत्र की अपार संभावनाओं का संकेत देती है।
पीएम ई-ड्राइव योजना का उद्देश्य
इस योजना के तहत मोदी सरकार का लक्ष्य देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की संख्या बढ़ाना और एक हरित परिवहन प्रणाली को प्रोत्साहित करना है। आइए जानते हैं इस योजना के मुख्य उद्देश्य:
- दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन: इस योजना का एक बड़ा उद्देश्य 24.79 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स को प्रोत्साहित करना है, जिनमें उन्नत बैटरियों से लैस वाहन शामिल हैं। यह योजना प्राइवेट और कॉमर्शियल दोनों प्रकार के इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के लिए लाभकारी है।
- तिपहिया वाहन: योजना में रजिस्टर्ड ई-रिक्शा, ई-कार्ट और एल5 कैटेगरी के वाहनों को भी शामिल किया गया है। इसके तहत तिपहिया वाहनों को बढ़ावा देकर सस्ता और प्रदूषण-मुक्त परिवहन विकल्प उपलब्ध कराया जा रहा है।
- चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास: सरकार का जोर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए जरूरी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने पर भी है। इससे लोगों के लिए चार्जिंग का बेहतर विकल्प उपलब्ध हो सकेगा और वे बिना किसी झिझक के इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल कर पाएंगे।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम
पीएम ई-ड्राइव योजना का उद्देश्य न केवल भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देना है, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी माना जा रहा है। इस योजना के तहत 1 अक्टूबर 2023 से 31 मार्च 2026 तक की अवधि के लिए सब्सिडी और प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं, जिससे देश के वाहन क्षेत्र में हरित और स्थायी परिवहन व्यवस्था को स्थापित किया जा सके।
निष्कर्ष
पीएम ई-ड्राइव योजना के माध्यम से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में तेजी आई है और प्रदूषण नियंत्रण में भी सकारात्मक बदलाव हो रहा है। यह योजना भविष्य में एक स्थायी और हरित परिवहन व्यवस्था की दिशा में बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है।