क्या है चित्रा रामकृष्णन का योगी कनेक्शन? कहीं यह योगी सुब्रमण्यम तो नही!! Everything about india’s biggest stock exchange NSE COLOCATION SCAM
NSE CO-LOCATION SCAM :- बीतें दिनों सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने NSE गड़बड़ घोटाले के मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज( NSE ) की भूतपूर्व सीईओ एवम मैनेजिंग डायरेक्टर चित्रा रामकृष्णन ,उनके पूर्व बॉस रवि नारायण एवम सहकर्मी आनंद सुब्रमण्यम को लुकआउट नोटिस जारी किया है।
बीतें दिनों 17 फरवरी को आयकर विभाग ने चित्रा रामकृष्णन के आवास पर कर अनिमियता के आधार पर छापा भी डाला।
कौन है चित्रा रामकृष्णन
चित्रा रामकृष्ण नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की भूतपूर्व सीईओ एवम एमडी है। वो वित्तिय सहयोग देने वाले कार्यक्षेत्र में सावर्धिक ऊँची सैलरी पाने वाली दूसरी भारतीय है। उनकी सैलरी 9.7 करोड़ रुपये है जो की बम्बई स्टॉक एक्सचेंज ( BSE) के सीईओ आशीष कुमार चौहान से 3 गुनी है। आशीष 3.3 करोड़ का वेतनमान पाते है।
इस कार्यक्षेत्र में सबसे ज्यादा सैलरी HDFC BANK के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री आदित्य पूरी को मिलती है।
चित्रा रामकृष्णन एक सर्टिफाइड चार्टेड अकाउंटेंट है जिन्होंने 2009 में एनएसई जॉइन की थी।सीईओ के पद में उनकी पद्दोन्नति 2013 में हुई थी। 2015 में लगे कॉलोकेशन स्केम के आरोप के बाद चित्रा ने 2016 में अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
क्या है चित्रा रामकृष्णन पर आरोप?
चित्रा रामकृष्णन इस एनएसई मामले में हुवे घोटाले में मुख्य अभियुक्त बनाई गई है।उनपर आरोप है कि उन्होंने व्यक्ति विशेष को स्टॉक एक्सचेंज की गोपनीय जानकारियां टिप की तरह मुहहैया कराई जिससे लोगो ने अनुचित रूप से पैसे बनाये।यह जानकारी एक दिल्ली के रहने वाले NSE के सदस्य को पहुँचाई जिससे उसे स्टॉक खरीदने बेचने में अनुचित लाभ मिला।
क्या है कॉ–लोकेशन स्केम?
चूँकि यह सारा स्केम स्टॉक की बोली लगने वाले स्थान पर से चल रहा था इसलिए इस स्केम का नाम कॉलोकेशन स्केम का नाम दिया गया। ज्ञात सूत्रों के अनुसार अनुचित टिप से लोगो ने 50,000 करोड़ से ज्यादा पैसे बनाये।
कैसे हुआ इस स्केम का भंडाफोड़ फोड़?
इस स्केम का भंडाफोड़ एक सिंगापुर के रहने वाले विसिल-ब्लोअर ने 2015 में किया।
क्या है सेबी और सीबीआई के चौकाने वाले ख़ुलासे?
सेबी और सीबीआई के अनुसार चित्रा रामकृष्णन यह सारे काम एक कथित योगी जो हिमालय रहते है के इशारों पर कर रही थी।उन्ही योगी के कहने पर अरविंद सुब्रमण्यम को नौकरी पर रखी गई और फिर उसे आश्चर्यजनक रुप से पद्दोन्नति देकर एमडी का मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया।
इतना ही नही चित्रा उनसे स्टॉक एक्सचेंज की कई अंदरूनी जानकारियां भी साझा करती थी और वितीय मामलों में एवम कर्मचारियों के पद्दोन्नति पर भी राय लेती थी।
रिपोर्ट के अनुसार यह सब खुलासे चित्रा के निजी ईमेल से हुवे है जहाँ वो कथित योगी जिसकी आईडी @rigyajurgasama के नाम से है सम्पर्क करती थी।
कौन है ये योगी?
कुछ सूत्रों की माने तो यह योगी सुब्रमण्यम ही है जिसने स्वयं को पहले एनएसई में लेने को कहा और फिर पद्दोन्त होकर एमडी के मुख्य सलाहकार बने। उन्होंने ही अपना ईमेल आईडी @rigyajurgasama रखा।यह स्वामी कोई और नही अरविंद सुब्रमण्यम ही हैं।
कौन है योगी पर क्या है चित्रा का कहना?
चित्रा रामकृष्णन के अनुसार यह योगी एक आध्यात्मिक शक्ति है जिसकी मदद चित्रा अबतक अपने निजी और पेशेवर जिंदगी में लेती रही है।
चित्रा ने योगी के असली पहचान को जाहिर करने से इनकार किया।
क्या है अब तक सेबी के कड़े कदम?
सेबी ने गंभीर सरकारी गड़बड़ी के तहत अरविंद सुब्रमण्यम के नियुक्ति के मामले में चित्रा संग अन्य अधिकारियों को दोषी ठहराया है।
इस मामले में चित्रा रामकृष्णन पर 3 करोड़ ,रवि नारायण एवम अरविंद सुब्रमण्यम पर 2- 2 करोड़ तथा वीआर नरसिम्हा जो चीफ रेगुलेटिंग ऑफिसर है पर 6 लाख रुपये का जुमार्ना लगाया है।
सेबी ने एनएसई को अगले 6 महीने तक किसी भी उत्पाद के लॉन्च करने में पाबन्दी लगाई है।