India’s Per Capita Income Doubled Since 2014-15 NSO: भारत में प्रति व्यक्ति की वार्षिक आय (Per Capita Income) दोगुनी हो गई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रति व्यक्ति की कमाई दोगुनी होकर 1,72,000 रुपये हो गई है।
लेकिन असमान आय डिस्ट्रीब्यूशन एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। आकड़ों के मुताबिक़ साल 2014-15 में भारत में प्रति व्यक्ति की सालाना आय 86,647 रुपये थी। इसके अनुसार, पिछले 9 साल में प्रति व्यक्ति की आय में 99 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं, इस दौरान वास्तविक मूल्य (स्थिर दाम) पर प्रति व्यक्ति की आय 35 फीसदी बढ़ी है।
एक्सपर्ट्स की ये है राय
साल 2014-15 में वास्तविक मूल्य पर प्रति व्यक्ति की आय 72,805 रुपये रही थी, जो 2022-23 में बढ़कर 98,118 रुपये पर रह सकती है। इकोनॉमिस्ट जयति घोष ने कहा कि आप मौजूदा कीमतों पर जीडीपी को देख रहे हैं, लेकिन अगर आप महंगाई दर को ध्यान में रखकर आंकड़े को देखेंगे, तो ये बढ़ोतरी बेहद ही कम है।
जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर ने कहा कि आय में हुई अधिकांश बढ़ोतरी आबादी के शीर्ष 10 फीसदी लोगों के खाते में गई है। इसके उल्ट सैलरी औसत में गिरावट आ रही है। वास्तविक संदर्भ में तो ये संभवतः और भी कम है।
NSO के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड के दौरान प्रति व्यक्ति आय में वास्तविक और मौजूदा दोनों में ही गिरावट आई। हालांकि, इसमें 2021-22 और 2022-23 में तेजी दर्ज की गई है।
महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार प्रीमियर इकोनॉमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट के पूर्व निदेशक पिनाकी चक्रवर्ती ने कहा कि विश्व विकास संकेतक डेटा बेस के अनुसार, 2014 से 2019 की अवधि के लिए वास्तविक अवधि में भारत की प्रति व्यक्ति आय की औसत वृद्धि 5.6 प्रतिशत प्रति वर्ष थी। उन्होंने कहा कि यह वृद्धि महत्वपूर्ण है। हमने स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक और सामाजिक गतिशीलता से संबंधित परिणामों में सुधार देखा है। कोविड ने हमें बुरी तरह प्रभावित किया है। हालांकि, हमने कोविड के बाद महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार देखे हैं।
क्या कहते हैं ये आंकड़े
मोदी सरकार ने देश के गरीब तबके को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है। सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे। मुफ्त राशन वितरण से लेकर जनधन खाते जैसी स्कीमें सरकार ने लोगों लिए शुरू की हैं। इंस्टीट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट (ISID) के निदेशक नागेश कुमार ने कहा कि प्रति व्यक्ति आय में वास्तविक रूप से वृद्धि हुई है और वे बढ़ती समृद्धि को दर्शाते हैं।
मजबूत अर्थव्यवस्था बनकर उभरा भारत
हालांकि, ध्यान देने वाली बात ये है कि प्रति व्यक्ति आय भारतीयों की औसत आय है। औसत आय बढ़ती असमानताओं को छिपाती है। ऊपरी लेवल पर आय का बढ़ने का मतलब है कि निचले स्तर पर मौजूद लोगों के लिए कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है।
आईएमएफ के अनुमानों के अनुसार, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए ब्रिटेन को पीछे छोड़ चुका है और अब केवल अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी से पीछे है। एक दशक पहले भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में 11वें स्थान पर था जबकि ब्रिटेन 5वें स्थान पर था।
सोशल मीडिया यूज़र्स ने किए ऐसे सवाल
@TejasJaiswal445 नाम के एक ट्विटर हैंडल से कमेंट किया “महोदय आय दुगुनी नही हुई है पर मोदी सरकार आने से खर्च दुगुनी हुई है बेरोजगारी दुगुनी हुई है महंगाई दुगुनी हुई है खाने पीने की वस्तुएं दुगुनी भाव में बिक रही है आप कैसे कह रहे हैं मोदी के आने से आमदनी दुगुनी हुई है ?? हा बीजेपी के मंत्रियों के आय दुगुनी हुई हैं??”
जबकि @GyaneshChaturv6 नाम के एक ट्विटर हैंडल ने लिखा कि “महोदय अमित शाह जी गैस सिलेंडर का भाव चार गुना हो गया है यूरिया रासायनिक खाद का भाव दुगुना से भी अधिक है DAP खाद का भाव कितना हैं पता है आप को नही ??? हा आय तो आप का और आप के लड़के जय शाह का हजार गुना दुगुना हुआ है बाकी जनता का क्या ओ तो जुमले से ही काम चलाएंगे।
आपकी इस पर क्या राय है? कमेंट बॉक्स में लिखे क्या आपकी आय दोगुनी हुई या नहीं?
Sale jhute h sab
Gribi badh rhi h
किसानों के हित में व आम जनता की आय में इजाफा नही हुआ ,केवल शासन तथा प्रशासन के हितों में काम हो रहा है।
आर्थिक असमानता बढ़ रही है।
जिस दर से नेताओ,कर्मचारियों,उद्योगपतियों की आय बड़ी ।
इनके अनुपात में आम आदमी की आय शून्य है।
किसान,मजदूर अत्यधिक निर्धन होता जा रहा है।
महंगाई दुगनी से भी ज्यादा हुइ है.
इन 14-15 सालो में सभी जनता का तो पता नहीं लेकिन किसानो की आय दोगुनी तो नही हुई कर्जा जरूर 3 गुना हो गया है,आय तो सिर्फ नेताओ की 3 गुना हुई है