जबलपुर : भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने मध्य प्रदेश में देश के पहले जूलॉजिकल पार्क (Geological Park) को खोलने की मंजूरी दे दी है। यह पार्क जबलपुर जिले में नर्मदा नदी के तट पर लम्हेटा गांव में स्थापित की जाएगी। यह स्थान जबलपुर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी में स्थित है। यह परियोजना 5 एकड़ की जमीन में बनाने के लिए सुनिश्चित की गई है। भारत भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इसके प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए 1.30करोड़ रूपए की मंजूरी दी है।
गौरतलब है Geological Park एक ऐसा क्षेत्र होता है, जो स्थाई तरीके से भूवैज्ञानिक विरासतों का संरक्षण करता है एवं उनकी उपयोगिता को आगे बढ़ाता है।
यह पार्क स्थानीय लोगों के आर्थिक विकास में भी सहयोग देगा। यह जियोलॉजी पार्क पृथ्वी के संदर्भ में विभिन्न मुद्दों एवं जरूरी सूचनाओं को लेकर आमजन में जागरूकता लाने के लिए अपने संसाधनों का उपयोग करते हैं। इस प्रकार के पार्क वैश्विक स्तर अथवा राष्ट्रीय स्तर पर बनाए जाते हैं।
संसाधन विरासत ऐसे विरासत होते हैं जो स्वाभाविक रूप से एवं सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण होते हैं तथा पृथ्वी के विकास या पृथ्वी विज्ञान के इतिहास की गहरी समझ प्रदान करते हैं । हम इस समझ का प्रयोग शिक्षा प्रदान करने के लिए भी कर सकते हैं।
प्राकृतिक विरासत के संरक्षण के लिए लम्हेटा गांव पहले से ही यूनेस्को की भू-विरासत क्षेत्रो की अस्थाई सूची में शामिल है। इस क्षेत्र में कई डायनासोर के जीवाश्म पाए गए थे । 1828 में पहली बार यहां से डायनासोर के जीवाश्म पाए गए थे। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा अन्य चिन्हित भू-विरासत क्षेत्र छत्तीसगढ़ का समुद्री गोंडवाना हिमाचल प्रदेश का कशेरुकी जीवाश्म पार्क राजस्थान का स्ट्रोमैटोलाइट्स पार्क कर्नाटक का पिलोलाव महाराष्ट्र का लोनार झील मुख्य रूप से शामिल है।
हालांकि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने 32 क्षेत्रों को चिन्हित कर राष्ट्र वैज्ञानिक स्मारक की पहचान दी है ,लेकिन इनमें से एक भी भू-पार्क नहीं है जिसे यूनेस्को ने मान्यता दी हो।
Web Title : India’s first geological park will be built in Jabalpur, Madhya Pradesh