सूचना : शनिवार को एक कंपनी द्वारा सोशल मिडिया पर सेस बढाये जाने की गलत जानकारी फैलाई गयी । आरबीडी पाम के बेस इम्पोर्ट भारत सरकार बीते सप्ताह सीपीओ और मूल्य में कटौती की और एग्री सेस में कोई बदलाव नहीं किया।
कच्चे पाम तेल पर कृषि उपकर को लेकर जो गलत खबर फैलाई जा रही है वो ये है….
पाम तेल पर सेस में हुई बढ़ोत्तरी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पाम तेल का भाव घटकर काफी नीचे आने से भारत में इसका आयात काफी सस्ता बैठ रहा है। इसे देखते हुए भारत सरकार ने क्रूड एवं रिफाइंड संवर्ग के तेलों पर सेस में इजाफा कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्रूड पाम तेल (सीपीओ) पर सेस को 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.50 प्रतिशत तथा आर बीडी पामोलीन पर 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 17.5 प्रतिशत नियत किया गया है।
इस तरह सीपीओ पर सेस में 2.50 प्रतिशत बिंदू एवं पामोलीन पर सेस में 5 प्रतिशत बिंदु का इजाफा किया गया है। सेस में हुई बढ़ोत्तरी से पाम तेल का आयात खर्च कुछ बढ़ेगा और घरेलू प्रभाग में इसकी कीमत में थोड़ी वृद्धि हो सकती है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिन मलेशिया में सीपीओ का वायदा भाव लुढ़ककर गत 20 माह के निचले स्तर पर आ गया था, जिसमें अब कुछ सुधार आया है।
इंडोनेशिया की आक्रामक बिकवालीसे वैश्विक बाजार में पाम तेल की आपूर्ति एवं उपलब्धता काफी बढ़ गई है जिससे कीमतों पर लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। मलेशिया में पाम तेल का बकाया स्टॉक बढ़कर 20 लाख टन से ऊपर पहुंच गया है जबकि वहां से इसके निर्यात में अपेक्षित बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है।
वैसे सितम्बर का निर्यात कुल मिलाकर संतोषजनक माना जा रहा है मगर इसकी वास्तविक स्थिति का पता तभी चलेगा जबकि सरकारी संस्था- मलेशियन पाम ऑयल बोर्ड (एम्पोब) का आधिकारिक मासिक आंकड़ा सामने आएगा। मलेशिया में क्रूड पाम तेल का उत्पादन खर्च करीब 2500 रिंगिट प्रति टन बैठ रहा है।
समीक्षकों का मानना है कि इसका बाजार भाव निकट भविष्य में 3000 रिंगिट प्रति टन से नीचे नहीं आएगा। यदि कीमतों में आगे नरमी का रुख बरकरार रहता है तो सेस में हुई बढ़ोत्तरी के बावजूद भारतीय बाजार में पाम तेल का भाव स्थिर रह सकता है।
व्यापार अपने विवेक से करें.. न्यूज़ स्त्रोत: कृषि बाजार भाव सर्विस
(नोट: आरबीडी पाम के बेस इम्पोर्ट भारत सरकार बीते सप्ताह सीपीओ और मूल्य में कटौती की और एग्री सेस में कोई बदलाव नहीं किया)
Web Title: Government of India increased agricultural cess on crude palm oil from 5 percent to 7.50 percent