नई दिल्ली (KCC Latest News Nirmala Sitharaman) : केंद्र सरकार लम्बे समय से किसानों की आय में बढ़ोतरी करने के प्रयास कर रही है। यदि आप भी किसान है और आपके पास किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) है, तो यह खबर जानना आपके लिए जरुरी है। जी हाँ हाल ही में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पब्लिक सेक्टर के बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) रखने वाले किसानों को आसानी से कर्ज मुहैया करवाने का आग्रह किया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने की किसान क्रेडिट कार्ड योजना की समीक्षा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की पब्लिक सेक्टर के कई बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (CEO) के साथ कई घंटे चली बैठक में उन्होंने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की तकनीक को उन्नत बनाने और सुधार में मदद करने के लिए भी कहा। बैठक के बाद मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने जानकारी देते हुए बताया कि वित्त मंत्री (Finance Minister) ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना का रिव्यू किया और इस बात पर विचार किया कि कैसे संस्थागत ऋण इस क्षेत्र को उपलब्ध कराया जा सकता है।
ग्रामीण बैंक की कृषि ऋण में अहम भूमिका
वित्त राज्यमंत्री भागवत के कराड ने बताया की, ‘बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री ने की और मछली पकड़ने और डेयरी क्षेत्र में लगे सभी लोगों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) जारी करने पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा, ‘एक अन्य सत्र में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों पर यह निर्णय किया गया कि प्रायोजक बैंकों को उन्हें डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी सुधार में मदद करनी चाहिए।’ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की कृषि ऋण में महत्वपूर्ण भूमिका है। इसके प्रायोजक बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) और राज्य सरकारें हैं।
जानकारी के मुताबिक देश में कुल 43 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Regional Rural Bank) हैं। जिनमें से तकरीबन एक-तिहाई, विशेषकर पूर्वोत्तर और पूर्वी क्षेत्रों के RRB घाटे में चल रहे हैं और इन्हें 9 फीसदी की नियामकीय पूंजी आवश्यकता को पूरा करने के लिए कोष की जरूरत है। इन बैंकों का गठन आरआरबी अधिनियम, 1976 के तहत हुआ है। इनका उद्देश्य छोटे किसानों, कृषि क्षेत्र के कामगारों और ग्रामीण इलाकों के कारीगरों को कर्ज और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है।
ऐसे होगा मत्स्य पालन और पशुपालन किसानों को फायदा
भारत सरकार ने 2018-19 के बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) सुविधा का विस्तार मत्स्य पालन तथा पशुपालन किसानों के लिए किया था ताकि कार्य पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने में उनकी मदद की जा सके। केसीसी सुविधा से मत्स्य पालन तथा पशुपालन किसानों को पशुपालन, पोल्ट्री, पक्षियों, मछली, झींगा अन्य जल जंतुओं तथा मछली पालन में उनकी अल्पकालिक ऋण सुविधाओं में मदद मिल सके।
मत्स्य पालन विभाग किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा का विस्तार कर इसे मछुआरों को देने की संभावनाओं का पता लगाने का प्रयास कर रहा है। अभी तक इस सुविधा के अंतर्गत मछुआरों को शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि उनके पास नौका या अन्य परिसंपत्तियों आदि का स्वामित्व या पट्टा नहीं होता। राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को मत्स्य पालन विभाग द्वारा सलाह दी गई है कि वे केसीसी के अंतर्गत पात्र मछुआरों तथा मछली पालकों की पूर्णता की नियमित निगरानी करें और कमियों को दूर करने के लिए संबंधित बैंकों के साथ आगे की कार्रवाई करें तथा केसीसी की शीघ्र मंजूरी सुनिश्चित करें।
मत्स्य पालन विभाग द्वारा 24-6-2022 तक देशव्यापी मछली पालन अभियान की प्रगति और अभियान शुरू होने के पहले तक प्राप्त आवेदन की स्थिति इस प्रकार है-
समयावधि | प्राप्त आवेदन | स्वीकृत आवेदन | लंबित आवेदन |
जारी राष्ट्रव्यापीमत्स्य पालन केसीसी अभियान के दौरान | 1,79,842 | 74,969 | 13,029 |
अभियान के पूर्व (14.11.2021 तक) | 5,55,411 | 67,581 | 4,33,437 |
कुल | 7,35,253 | 1,42,550 | 4,46,466 |
किसान क्रेडिट कार्ड(केसीसी) सुविधा का विस्तार 2018-19 में पशुपालन किसानों के लिए किया गया। इससे उनकी कार्य पूंजी आवश्यकताओं- चारा, पशु चिकित्सा सहायता, श्रम, जल तथा बिजली आपूर्ति- के लिए लघु अवधि का ऋण सुनिश्चित होता है। दुग्ध सहकारी तथा दुग्ध उत्पादक कंपनियों के पात्र डेयरी किसानों को केसीसी प्रदान करने के लिए इस विभाग ने 1 जून से 31 दिसंबर, 2020 तक विशेष अभियान चलाया। इस अभियान से पहले पशुपालन तथा डेयरी क्षेत्र को केवल 30,000 केसीसी की मंजूरी दी गई थी। इस अवधि के दौरान 50 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 18.81 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए।
अभियान की समेकित प्रगति इस प्रकार है-
1 जून से 31 दिसंबर, 2020 (24.06.22 तक) | 15 नवंबर 2021 से 31 जुलाई 2022 (24.06.22 तक) | कुल (24.06.2022 तक) | |||
आवेदन मंगाए गए | केसीसी स्वीकृति | आवेदन मंगाए गए | केसीसी स्वीकृति | आवेदन मंगाए गए | केसीसी स्वीकृति |
50,00,000 | 18,81,654 | 15,83,910 | 6,61,131 | 65,83,910 | 25,42,785 |