BeeKeeping Business Idea: भारत में शहद उत्पादन का बिजनेस बेहद तेजी से बढ़ रहा है. इसके लिए कई राज्यों की सरकार सब्सिडी भी देती है. फिलहाल, झारखंड सरकार मीठी क्रांति योजना के माध्यम से मधुमक्खी पालन करने पर किसानों को 80 प्रतिशत का अनुदान (Subsidy For Beekeeping) दे रही है.
गांवों में मधुमक्खी पालन का व्यवसाय बेहद तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. सरकार की तरफ से इस क्षेत्र की ओर खास ध्यान दिया जा रहा है. इसी को देखते हुए झारखंड सरकार ने मीठी क्रांति योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का उद्देश्य झारखंड को विकसित राज्यों की श्रेणी मे खड़ा करना, साथ ही इससे जुड़े लोगों को रोजगार प्रदान करना है.
मधुमक्खी पालन के लिए झारखंड सबसे उपयुक्त राज्य
मीठी क्रांति के लिए झारखंड सबसे उपयुक्त माना जाता है. लगभग 30% भूमि वन ऐसे हैं, जो शहद उत्पादन के लिए सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है. शहद उत्पादन के लिए राज्य की जलवायु भी उपयुक्त है. फसल, फल, सब्जी के अलावा जंगली पेड़ यूकेलिप्टिस, करंज , सेमर, नीम सीसम आदि बहुतायत संख्या में हैं, जो मधुमक्खी पालन के लिए बढ़िया है. ऐसे में किसान पेड़ लगाने के साथ ही मधुमक्खी पालन से लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं.
किसान योजना लाभ के लिए यहां करें आवेदन
इस योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को मुख्यमंत्री लघु कुटीर उघोग बोर्ड कार्यालय में आवेदन करना आवेदन भेजना होता है, जिसके बाद बोर्ड द्वारा लाभार्थियों का चयन किया जाता है. इसके बाद लाभार्थियों को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा प्रशिक्षण दिया जाता है. प्रत्येक किसान को एक यूनिट दी जाएगी. प्रत्येक इकाई मे 20 मधुमक्खी कॉलोनी, 20 हनी बॉक्स और एक शहद निकालने की मशीन होती है.
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मधुमक्खी पालन कितना मिलेगा अनुदान?
सरकार मधुमक्खी पालन की इकाई की स्थापना के लिए 80% अनुदान देगी और लाभार्थी को केवल 20 प्रतिशत हिस्सा खर्च करना होगा. प्रत्येक किसान को कुल इकाई (1 लाख रुपये) लागत का 80 प्रतिशत यानी 80 हजार दिया जाएगा. इसके बाद किसानों को शहद निर्यात के लिए राज्य सरकार किसानों को APEDA, Government of India के साथ जोड़ा जाता है.