Budget 2025: कल यानी शनिवार (1 फरवरी 2025) को वित्त मंत्री बजट पेश करने जा रही है। ऐसे में आम आदमी से लेकर बिजनस मैन तक हर किसी की नज़रे कल के बजट पर टिकी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बजट में सरकार डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स में बदलाव कर सकती है, जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा। आइए जानते हैं कि इस बार बजट में क्या सस्ता हो सकता है और क्या महंगा।
बजट 2025 में इन सेक्टर्स पर रहेगा फोकस
बजट 2025 में सरकार का फोकस महंगाई, रोजगार और आर्थिक विकास जैसे अहम मुद्दों पर होगा। पिछले साल के बजट में पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और सस्टेनेबिलिटी पर ज्यादा जोर दिया गया था। इस बार सरकार के फोकस सेक्टर्स में रेलवे, एविएशन, हेल्थकेयर, हॉस्पिटैलिटी और डेटा सेंटर शामिल हो सकते हैं। इन सेक्टर्स में निवेश बढ़ाने से रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं और अर्थव्यवस्था को गति मिल सकती है।
क्या बजट में पेट्रोल और डीजल होगा सस्ता?
पिछले साल सरकार ने Energy Infrastructure को मजबूत करने के लिए पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय को 1.19 ट्रिलियन रुपये का बजट आवंटित किया था। हालांकि, पेट्रोलियम सब्सिडी में कटौती की गई थी। इस बार कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने सरकार से पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने की मांग की है। अगर सरकार इस मांग को मानती है, तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है।
इसके अलावा, अगर सरकार Petrol-Diesel को GST के दायरे में लाने का ऐलान करती है, तो इससे भी कीमतों में कमी आ सकती है। हालांकि, जीएसटी पर फैसला बजट के बाद अलग बैठक में होगा, लेकिन सरकार बजट में इसके संकेत दे सकती है।
दवाइयां होगी सस्ती ?
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार पिछले बजट में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाओं पर सीमा शुल्क में कटौती की थी। ऐसे में इस बार भी उम्मीद है कि सरकार बड़ी बीमारियों की दवाओं पर टैक्स छूट या टैक्स माफी का ऐलान कर सकती है। इससे आम लोगों को सस्ती दवाएं मिल सकेंगी और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच आसान होगी।
मोबाइल और चार्जर हो सकते है सस्ते ?
पिछले बजट में सरकार ने मोबाइल और चार्जर पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 15% कर दी थी, जिससे इन उत्पादों की कीमतों में कमी आई थी। इस बार भी उम्मीद है कि सरकार इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए टैक्स और ड्यूटी में और छूट दे सकती है। अगर ऐसा होता है, तो मोबाइल और चार्जर जैसे उत्पादों की कीमतों में और कमी आ सकती है।