रूस यूक्रेन संबंध :- यूक्रेन पर हमले के ठीक तीन दिन पहले पुतिन कहते है कि यूक्रेन एक बिना पहचान और स्पष्ट इतिहास वाला है और इसका पश्चिम देशो के साथ जाने का फैसला गलत है। पुतिन के अनुसार आधुनिक यूक्रेन को रूस ने बनाया है और इसके निर्माण में विशेष योगदान वोल्शेविक कम्युनिस्ट रूस का है।
अब आइये जानते है यूक्रेन के भौगोलिक परिदृश्य को ,ताकि समझ सके कि दरअसल ये यूक्रेन है क्या चीज??
यूक्रेन पूर्वी यूरोप में स्थित एक छोटा सा देश है जिसकी कुल आबादी 2021 की जनगणना के अनुसार 43.7 मिलियन है जो कि हमारे देश के बिहार से भी कम है।इसकी सीमा उत्तरीपूर्व में रूस से मिलती है और दक्षिण में हंगरी,बेलारूस,पोलैंड और रोमानिया से।
जनसंख्या के आधार पर यह यूरोप का दूसरा बड़ा देश है और पहले स्थान पर रूस है।यूक्रेन में लगभग 70% की आबादी यूक्रेनियन भाषी ओर बची 30% आबादी रूसी भाषी है।यूक्रेन जीडीपी और पर कैपिटा इनकम के आधार पर यूरोप का सबसे गरीब देश भी है।
संसाधन –आयात और निर्यात
संसाधन के होने की बात करे तो यूक्रेन में मुख्य रूप से पाए जाने वाले प्राकृतिक संसाधन है कोयला और लोह अयस्क।निर्यात के लिए यूक्रेन के पास भुट्टे,सूरजमुखी का तेल,लोहा,लोहे से बने उत्पाद और गेहूं है।एशिया पसिफ़िक रीजन में हम इसके सबसे बड़े निर्यातक बाजार है जहां यह अपने सामान बेचती है।यह भारत को सबसे बड़ी मात्रा में सूरजमुखी का तेल बेचता है।
आयात की बात करे तो हमसे यूक्रेन दवाइयों का आयात करता है।
यूक्रेन का इतिहास:-आदि से लेकर अंत तक
हज़ारो साल पहले आज जो यूक्रेन है वो हार्ट ऑफ कईवन रस-लैंड जो कि पूर्वी स्लाविक,बाल्टिक,फिंनिक पीपल ऑफ ईस्टर्न एंड नॉर्दन यूरोप का संघ था में बसा था और इसकी राजधानी थी कीव।
आधुनिक रूस यूक्रेन और बेलारूस सभी की सांस्कृतिक जड़े किवियन रस-लैंड में पाई जाती है। 10वीं और 11वीं सदी में यह कीवियन रस लैंड आकार और ताक़त दोनों में अपने सर्वोच्च स्तिथि में था।किवियन रस लैंड का पीक 1019-54 के बीच यरोसालोव दी वाइज के शासन में आया।
13वीं सदी के आते आते व्यापार में कमी आने की वजह से कमजोर होने लगा।यह कमी मंगोल गोल्डन हार्ड के बीजान्टिन एम्पायर को गिरा देने की वजह से आया और फिर1240 मे कीव पर मंगोल गोल्डन हेर्ड का आधिपत्य हो गया।15वी सदी में यही मंगोल गोल्डन हेर्ड जब टूटा तो किवियन रूस का एक बड़ा हिस्सा मल्टी एथनिक ग्रैंड डचि ऑफ लिथुनसिया में जा मिला।
1648 में हिटमैन बर्डेन के नेतृत्व में एक बड़ी कीवी जनशक्ति ने विरोध किया इस मल्ट एथनिक ग्रैंड डच ऑफ लिथुनसिया का और यूक्रेनियन स्टेट ऑफ कॉस्साक थेटमेंट की स्थापना की जो कि आज का मुख्य यूक्रेन है।
18वीं सदी में यही स्थापित साम्रज्य रूस की साम्राज्ञी कैथरीन दी ग्रेट के द्वारा कब्जा कर लिया जाता है और उस यूक्रेनियन साम्राज्य को रूस साम्राज्य में शामिल कर लिया जाता है।रूस निर्माण के जारिस्ट नीतियों के तहत यूक्रेनियन संस्कृति वाले लोगो को पहचान और भाषा के आधार ओर दबाया जाता है ।
इसके बाद 20वी सदी के शुरुवात में जब पहली बार विश्वयुद्ध होता है तो करीब 3.5 मिलियन यूक्रेनियन रूस की तरफ से लड़ते है। पहले विश्वयुद्ध के यह नतीजे होते है कि ज़ार और ओटोमन साम्राज्य समाप्त हो जाता है और फिर कम्युनिस्ट के नेतृत्व में यूक्रेनियन नेशनल मूवमेंट शुरू होते है।कई माह के बाद बाद जब बोल्शेविक के हाथों में सत्ता की ताक़त आती है तो 1916 में एक स्वतंत्र यूक्रेनियन पीपल रिपब्लिक की स्थापना होती है।यह भी लम्बा नही चलता है और 1922 में अंततः यूक्रेन यू.एस.एस.आर का हिस्सा बन जाता है। 1991 में जब यूएसएसआर का विघटन होता है यूक्रेन में एक स्वतंत्र राष्ट्र की मांग उठती है जिसमें 3 लाख लड़के लडकिया सड़को पर मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन करते है जिसे ग्रेनाइट रेवोलुशन ऑफ स्टूडेंट्स भी कहा जाता है।
अंततः अगस्त 19992 में यूक्रेन एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बना पाने में सफल होता है और इसके पहले राष्ट्राध्यक्ष बनते है यूक्रेन के संसद के मुखिया लियोनिद करॉचुक।
दिसंबर 1991 में बेलारूस रूस और यूक्रेन के नेता मिलकर सोवियत संघ को खत्म करते है कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट(सीआईएस) का निर्माण करते है जिसको लेकर आज भी यूक्रेन यही कहता है कि वो इस ग्रुप का कानून सम्मत रूप से कभी हिस्सा नही रहा।
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तो यह थी यूक्रेन की अबतक की सारी कहानी।
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