नई दिल्ली : सरकार ने 30 लाख टन गेहूं बेचने को दी हरी झंडी प्राप्त जानकारी के अनुसार FCI को OMSS के तहत 30 लाख टन गेहूं की बिक्री की जाने की मिली अनुमति। गेहूं टेंडर के माध्यम से होगा या नहीं सर्कुलर आने पर ही स्पष्ट होगा। इससे सरकार को गेहूं के भाव में चल रही तेजी को ब्रेक लगने की उम्मीद। OMSS के तहत बिक्री में की गई देरी, टेंडर की परिक्रिया से मिलर्स और ग्राहक तक पहुंचने में कम से कम 15-20 दिन लग सकते हैं। मार्च से मध्य प्रदेश में नए गेहूं की अवाक शुरू होगी। फ्लौर मिलर्स, स्टॉकिस्टों के पास गेहूं स्टॉक बेहद कमज़ोर। गेहूं का चाहे जितना भी रिकॉर्ड उत्पादन हो जाये फिर भी कीमतें ऊँची ही रहेंगी। सरकारी एजेंसियों को गेहूं खरीद में काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। सरकार को गेहूं का सरकारी स्टॉक बढ़ाने के लिए एमएसपी के ऊपर बोनस को घोषणा करनी पड़ेगी अन्यथा सरकार को गेहूं मिलना मुश्किल। सरकारी गेहूं की सप्लाई से बाज़ारों में गेहूं की कीमतें 150-200 रुपए तक घट सकती हैं। देश में मौजूदा समय में गेहूं के भाव MSP से ज्यादा हैं। गेहूं के लिए 2023 का एमएसपी 2125 रुपये तय किया गया है। वहीं गेहूं के भाव मंडियों में 3100-3200 रुपये को पार कर गया है।
Press Information Bureau (PIB) (Government of India)
पत्र सूचना: कार्यालय भारत सरकार पोस्ट किया गया: 25 जनवरी 2023 : पीआईबी दिल्ली द्वारा सरकार ने खुले बाजार में बिक्री योजना के तहत 30 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
घरेलू गेहूं और आटे की कीमतों को कम करने के लिए व्यापारियों, राज्य सरकारों और सहकारी समितियों/संघों/सार्वजनिक उपक्रमों के माध्यम से बिक्री। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ओपन मार्केट सेल स्कीम (घरेलू) के तहत विभिन्न मार्गों से सेंट्रल पूल स्टॉक से 30 एलएमटी गेहूं को बाजार में उतारेगा।
दो महीने की अवधि के भीतर ओएमएसएस योजना के माध्यम से बाजार में 30 एलएमटी गेहूं की बिक्री व्यापक पहुंच के साथ-साथ गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों पर तत्काल प्रभाव डालेगी और बढ़ती कीमतों को रोकने में मदद करेगी और आम आदमी को कुछ राहत लाएगी।
देश में गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों से निपटने के लिए गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह ने आज बैठक की और देश के बफर स्टॉक की स्थिति पर चर्चा की। बढ़ती कीमतों पर त्वरित प्रभाव के लिए, गेहूं को बाजार में उतारने के लिए निम्नलिखित विकल्पों को मंत्रियों की समिति (सीओएम) द्वारा अनुमोदित किया गया था:
ई-नीलामी के तहत एफसीआई क्षेत्र से प्रति नीलामी अधिकतम 3000 मीट्रिक टन प्रति खरीदार, ई-नीलामी के माध्यम से आटा मिलर्स, थोक खरीदारों आदि को गेहूं की पेशकश की जाएगी। ई-नीलामी के बिना भी राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों को उनकी योजनाओं के लिए भी गेहूं की पेशकश की जाएगी।
सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों/सहकारिताओं/संघों, केंद्रीय भंडार/एनसीसीएफ/नेफेड आदि को बिना ई-नीलामी के 2350 रुपये/क्विंटल की रियायती दरों पर गेहूं की पेशकश की जाएगी। इस विशेष योजना के तहत बिक्री इस शर्त के अधीन होगी कि खरीदार गेहूं को आटा में परिवर्तित करेगा और इसे अधिकतम खुदरा मूल्य 29.50 रुपये प्रति किग्रा.पर जनता को पेश करेगा।
यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय खाद्य निगम अगले दो महीनों के भीतर गेहूं और आटे की बढ़ती कीमतों पर तत्काल प्रभाव के लिए गेहूं को बाजार में उतार देगा। FCI जनवरी से मार्च 2023 के दौरान पूरे देश में तुरंत स्टॉक की ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू करेगा।