तुवर साप्ताहिक रिपोर्ट 1 मई 2023 : पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार अकोला तुुवर नयी मारूति 8650 रुपये पर खुला था ओर शनिवार शाम 8900 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान अकोला तुवर , तुवर दाल मे मांग निकलने से +250 रूपये प्रति कुन्टल मजबूत दर्ज हुआ, तुवर बाजार में मजबूती का अनुमान लगभग लगभग सही रहा।
पिछले एक माह के दौरान सरकारी दखल के बावजूद तुवर, तुवर दाल मजबूत। तुवर, तुवर दाल में मजबूती के पीछे का प्रमुख कारण सप्लाई की कमी है न की सट्टेबाजी या जमाखोरी। ऊँचे भाव में तुवर दाल में ग्राहकी सामान्य है। मंडियों में तुवर (Toor) की आवक दिन प्रति दिन कमजोर पड़ती जा रही है।
अब आगे क्या ?
बर्मा में सिमित फसल है और भाव भी ऊँचे है सूडान में युद्ध के कारण निर्यात ठप्प। घरेलु तुवर फसल प्रति वर्ष दिसंबर में आती है और लगभग 8 माह का समय है। इस 8 महीने के दौरान घरेलु खपत के लिए लगभग न्यूनतम 22-24 लाख टन तुवर चाहिए। प्रति वर्ष अफ्रीका की फसल सितम्बर में आती है। लगभग 7-8 लाख टन अब देखना यह रोचक होगा की क्या घरेली स्टॉक और अफ्रीका की फसल से मांग की पूर्ति होती ? मुश्किल है।
जून से तुवर की बोआई होगी और सरकार MSP भी बढ़ाकर 7000 के पास रख सकती है। सरकार चाहती है किसानों को तुवर के दाम अच्छे मिले लेकिन उपभोक्ता को दाल सस्ती तो यह मुमकिन नहीं। जून में तुवर की बोआई शुरू होगी और सब मॉनसून पर निर्भर रहेगा।
तुवर फंडामेंटल मजबूत और इसलिए भाव मजबूत रहने की प्रबल संभावना। सरकारी दखल बाजार को टेम्पररी कमजोर कर सकती है पर कमजोरी टिकना मुश्किल। जानकारों की माने तो तुवर बाजार इस साल 9500/9600 बिक जाए तो आश्चर्य नहीं।
अकोला तुवर बिल्टी यदि 9000 के ऊपर बंद हुआ तो 9500/9600 का लक्ष्य अकोला बिल्टी तुवर यदि 8650 के नीचे जाये तो कमजोरी बढ़ सकती है।
(डिस्क्लेमर- यहां दी तुवर साप्ताहिक रिपोर्ट व्यापारियों व अन्य मीडिया स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदान किए गए है, इनमे फेर-बदल हो सकता है। किसी भी प्रकार का व्यापार अपने स्वयं के विवेक से करें ।)
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