Agricultural Derivatives Contracts: महंगाई के ऊंचे ग्राफ को नीचे लाने हेतू केन्द्र प्रयासरत सरकार फिलहाल कोई अतिरिक्त जोखिम नहीं उठाना चाहती है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जिन 7 कृषि जिंसों में पिछले साल वायदा कारोबार पर रोक लगाई गई थी उसे एक और वर्ष के लिए जारी रखा जा सकता है। वायदा व्यापार पर लगी पाबंदी के बारे में शीघ्र ही निर्णय लिए जाने की संभावना है।
7 commodities ban: ध्यान रहे पार्टिसिपेंट्स इंडिया (सीपीएआई) ने हाल ही में केन्द्रीय वित्त मंत्री एवं सेबी कि एसोसिएशन कॉमोडिटी ऑफ (नियामक संस्था) को पत्र भेजकर इस पाबंदी को हटाने का आग्रह किया था। जिन सात जिंसों में वायदा कारोबार को एक साल के लिए स्थगित किया गया था उसमें सोयाबीन (Soyabean), सरसों (mustard seeds), चना (channa), गेहूं (wheat), धान (paddy), मूंग (moong) और कच्चे पाम तेल (crude palm oil) शामिल है। जानकारी के लिए आपको बता दें की 7 कमोडिटी की फ्यूचर ट्रेडिंग पर लगी रोक की समय सीमा आज समाप्त हो गई है। 20 दिसम्बर 2021 को इन सभी जिंसों में वायदा कारोबार पर रोक लगाई थी।
महंगाई के मुद्दे पर सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया भी इससे खुश नहीं है। खाद्य महंगाई का दबाव झेल रही सरकार वायदा कारोबार दोबारा शुरू करने की स्वीकृति नहीं देना चाहती। उद्योग व्यापार क्षेत्र के – अनेक संघों-संगठनों एवं भागीदारों द्वारा सरकार से बेहतर जोखिम प्रबंधन एवं मूल्य डिस्कवरी के लिए वायदा कारोबार खोलने की अनुमति देने का आग्रह किया जा रहा है।
यह सही है कि खाद्य तेल-तिलहन एवं चना-मूंग का घरेलू बाजार (हाजिर) भाव अपने शीर्ष स्तर की तुलना में नीचे आया है, सोयाबीन के नए माल की आवक तथा सरसों की बिजाई जारी है मगर गेहूं-चावल का दाम ऊंचे स्तर पर बरकरार है। गेहूं का भाव तो नए-नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रहा है। सोयाबीन एवं सरसों का दाम भी न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी ऊंचा चल रहा है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने भी हाल में कहा था कि महंगाई दर में कुछ गिरावट आने के बावजूद इस पर गहन निगरानी रखना आवश्यक है और रिजर्व बैंक मूल्य “अर्जुन की आंख” बनाए स्मरणीय है कि इन जिंसों में वायदा कारोबार पर पिछले साल उस समय रोक लगाई गई थी जब खुदरा महंगाई दर खादय तेलों की उछलकर प्रतिशत तथा वृद्धि पर रखेगा। 19.7 दलहनों की 13.4 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। नवम्बर 2022 में खुदरा मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई की दर अनाज में 12.96 प्रतिशत (नौ वर्षों में सबसे ऊंची) तथा दलहनों में 3.15 प्रतिशत (एक वर्ष का उच्चतम स्तर) पर पहुंच गई।
Commodity Market Updates: सरकार जारी रखेगी वायदा पर बैन, 7 कमोडिटी वायदा पर रोक रहेगी जारी?