कृषि बाजार भाव : राजस्थान में आज चने का बाजार मंदा लिए हुए था। ट्रेडर के अनुसार आज दिल्ली के बाजार में चने के भावों में नरमी थी जिसके चलते राजस्थान में भी चने के भावों में मंदा रहा। वैसे चना ऑफ सीजन की कॉमोडिटी है जिसके चलते अब मंडियों में किसानी माल की आवक बहुत कम है। वहीं चने के बाजार में नरमी होने के चलते बिल्टी के भावों में ज्यादा ट्रेड नहीं हुआ।
आज चने की प्रमुख मंडियों जैसे बीकानरे-जयपुर में भावों में स्थिरता थी। वहीं किशनगंढ मंडी में भावों में हल्की नरमी रही। किशनगंढ़ मंडी में चने के भाव 5500-5950 रुपये प्रति क्विंटल रहे है। आज 100 कट्टे (1 कट्टा = 50 किलो) चने का व्यापार हुआ। यहां पर चने के भावों में 50 रुपये प्रति क्विंटल की नरमी रही। बीकानेर में चने के बिल्टी भाव 6300 रुपये प्रति क्विंटल रहे। बीते कारोबारी दिवस की तुलना में आज भावों में कोई बदलाव नहीं हुआ। वहीं इन भावों में कोई ट्रेड भी नहीं किया गया। ट्रेडर के अनुसार अब बीकानेर मंडी में किसानी माल की आवक नहीं है। जयपुर में चने के बिल्टी भाव 6475-6525 रुपये प्रति क्विंटल रहे। यहां पर आज 50 कट्टे (1 कट्टा = 50 किलो ) चने का व्यापार हुआ।
उड़द के भाव में नरमी
ट्रेडर के अनुसार बीते कुछ दिनों से उड़द के भाव नरम ही है। आज इंटरनेशनल बाजार के साथ ही घरेलू बाजार में भी उड़द के भावों में कमजोरी देखी गई। अब मंडियों में उड़द की आवक कम पड़ गई है। वहीं उड़द की दाल मिलों की ओर से ग्राहकी भी कमजोर है। इसके साथ ही फिलहाल स्टॉकिस्ट भी इसकी खरीदी नहीं कर रहे है। इन दो कारण की वजह से उड़द के भावों में स्थिरता या कमजोरी है।
उड़द के ऑवर ऑल मार्केट को देखें तो अभी मंदा ही पड़ा है। ऐसा लग रहा है कि अब 10-15 दिनों तक ही मंडियों में किसानी माल की आवक होगी। कोटा मंडी में उड़द का भाव 7500-9050 रुपये प्रति क्विंटल और आवक 400 कट्टा (1 कट्टा = 50 किलो) रही। जयपुर मंडी में उड़द के भाव 8500-10200 रुपये और आवक 500 कट्टा (1 कट्टा = 50 किलो) की रही।
दिवाली के कारण काबुली बाजार लम्बे समय तक बंद रहने से भाव में स्थिरता। लेकिन काबुली का कम स्टॉक और रबी बोई जारी होने से मंडियों में आवक लेकिन है। सामने शादियों का सीजन और बोआई के लिए बेहतर बीज के लिए मांग की संभावना है। दक्षिण भारत में काबुली बोआई पूरी हो चुकी है लेकिन गर्म मौसम के कारण एक बारिश की जरुरत। इस बार अभी तक ठंड भी कम, फसल बारिश पर निर्भर। मध्य प्रदेश में भी बोआई बढ़ेगी लेकिन उत्पादन मौसम पर निर्भर करेगा। जानकारों के अनुसार काबुली के दाम में अभी बड़ी गिरावट की उम्मीद नहीं। काबुली की सिमित आवक के कारण भाव में मजबूती संभव। काबुली में वर्तमान भाव में सिमित मात्रा में खरीदी की जा सकती है।
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