Rajasthan Weather Wheat News: देश के अन्य हिस्सों की तरह राजस्थान में भी फरवरी में ही मार्च के मौसम का हाल हो गया है। ऐसे में राज्य के किसानों की परेशानी बढ़ गई है। पिछले कुछ दिनों से राजस्थान के कई इलाकों में दिन और रात का तापमान सामान्य से अधिक रिकार्ड किया जा रहा है। गेहूं की पैदावार करने वाले किसानों की नींद उड़ी हुई है। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि गेहूं का उत्पादन कमी आएगी ।
किसानों का कहना है कि गेहूं की बालियों में दाना कमजोर पड़ रहा। अगर अगले 10 दिनों तक दिन व रात के तापमान में ऐसे ही बढ़ोत्तरी होती रही तो फिर बालियों में दाना और कमजोर बनेगा। फसल की तैयारी का अगला पड़ाव दुग्धावस्था का है, अगर दाना कमजोर हुआ तो उसमें दूध कम पड़ेगा और फिर गेहूं का दाना हल्का ही रह जाएगा।
कृषि अधिकारियों ने बताया कि इन दिनों अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही रहना चाहिए, लेकिन तापमान 30 डिग्री के पार पहुंच गया है। कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक अचानक बढ़ी इस गर्मी से फसलों में फोस्ट मैच्युरिटी आ जाएगी, जिससे पैदावार में काफी असर देखने को मिलेगा।
फसलों की जरूरत के मुुुुुताबिक नहीं पड़ी सर्दी
किसानों का मानना है कि अगर इसी तरह धूप तेज होने के साथ गर्मी बढ़ती रही तो निश्चित तौर पर फसलों पर असर पडेगा। तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी होने से दाना पतला हो जाएगा। जिससे सीधे तौर पर उत्पादन में कमी आ सकती है। फसलों की जरूरत के मुताबिक इस वर्ष अधिक समय तक सर्दी नहीं पड़ी। ऐसे में हालात यह है कि फरवरी माह में गर्मी मार्च का एहसास करा रही है। सुबह हल्की सर्दी होने के साथ तेज धूप निकलने पर गर्मी का असर पूरे दिन बना रहता है। वहीं शाम से एक बार फिर हल्की सर्दी शुरू हो जाती है।
सुबह शाम सर्दी और पूरे दिन गर्मी पड़ने से किसानों की खेतों पर लहलहा रही फसलों के उत्पादन पर इसका असर पड़ सकता है। क्योकि दिन में गर्मी के हालात झुलसाने जैसे है। वहीं रात में सर्दी का असर बढ़ जाता है। मौजदा समय में सभी फसलों पर दाना पड़ रहा है। लेकिन सर्दी कम होने पर अन्न का दाना पतला हो सकता है।
मौसम में बदलाव को लेकर किसानों का मानना है कि इसी तरह तेज धूप होने के साथ गर्मी बढ़ती रही तो निश्चित तौर फसलों पर असर पडेगा। रोजाना तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही है।