Adani Wilmar : हिमाचल प्रदेश के परवाणू में कल 8 फरवरी को अडानी ग्रुप लिमिटेड के स्टोर पर स्टेट एक्साइज एंड टैक्सेशन डिपार्टमेंट ने छापा मारा की । मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ ये छापामारी इसलिए की गई क्योंकि कंपनी पर आरोप लगाया गया है कि उसने बीते 5 वर्षों से GST का भुगतान नहीं किया है। इस पर, अडानी विल्मर कंपनी द्वारा बयान दिया ज्ञ है की इस छापेमारी में टैक्स अधिकारियों को कंपनी के संचालन किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस कार्रवाई के दौरान कंपनी के स्टेट ऑपरेशंस से जुड़े इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम की जानकारी मांगी है।
हिमाचल में अडानी समूह की कंपनियां
गौरतलब है कि हिमाचल में अडानी ग्रुप की कुल 7 कंपनियां कार्यरत हैं , अंबुजा सीमेंट और एसीसी सीमेंट की फैक्ट्रियों में फिलहाल उत्पादन बंद है लेकिन अन्य कंपनियां प्रदेश में फ्रूट कारोबार और किराना सामान की सप्लाई करती है। बुधवार को हिमाचल प्रदेश आवकारी एवं कराधान विभाग की दक्षिण जोन की प्रवर्तन शाखा ने सोलन के परवाणू में स्थिति अडानी विल्मर लिमिटेड में छापा मारा था। विभाग की टीम ने यहां कंपनी के स्टॉक का जायजा लिया और कंपनी के बिजनेस से जुड़े कागजात खंगाले। जांच में पाया गया कि परवाणु स्थित अडानी विल्मार कंपनी ने बीते साल 135 करोड़ का कारोबार किया है।
नहीं मिली कोई गड़बड़ी : अडानी विल्मर
अडानी विल्मर द्वारा इस छापेमारी के बाद दिये एक बयान अनुसार टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों को कंपनी के ऑपरेशन और लेनदेन में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं मिली है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि GST कानून के नियम 86B के तहत कंपनी को नकद में टैक्स लायबिलिटी (Tax liability) का भुगतान करने की जरूरत नहीं है। ‘कंपनी ने कहा, “हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि यह संबंधित अधिकारियों द्वारा किया गया एक नियमित निरीक्षण था और यह कोई छापा नहीं है जैसा कि मीडिया में कहा जा रहा है।
कंपनी को दिसंबर तिमाही में 16 फीसदी मुनाफा
कंपनी ने 8 फरवरी को अपने दिसंबर तिमाही के नतीजों का ऐलान किया, जिसके तहत कंपनी का कंसोलिडेटेड प्रॉफिट 16 फीसदी बढ़कर 246.16 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। अडानी विल्मर फॉर्च्यून ब्रांड के तहत अपने खाना पकाने के तेल और अन्य फूड प्रोडक्ट्स को बेचती है। यह एक ज्वाइंट वेंचर है, जिसमें गौतम अडानी के अलावा सिंगापुर की विल्मर इंटरनेशनल लिमिटेड की भी हिस्सेदारी है।