नई दिल्ली: तेल मिलों की सीमित खरीद बनी रहने से घरेलू बाजार में आज मंगलवार 26 सितंबर को लगातार दूसरे दिन सरसों के दाम स्थिर बने रहे। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 5825 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर टिके रहे। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक घटकर 3.50 लाख बोरियों की रह गई। विश्व बाजार में आज खाद्वय तेलों में दूसरे दिन भी मिलाजुला रुख रहा, जहां मलेशिया में पाम तेल की कीमतों में गिरावट आई, वहीं शिकागो में सोया तेल की कीमतें तेज हुई।
मांग कमजोर बनी रहने से सरसों तेल की कीमतों में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट दर्ज की गई, जबकि सरसों खल के दाम भी लगभग स्थिर से हो गए। घरेलू बाजार में ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों की खरीद कीमतों में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की। नीचे दाम पर बिकवाली कम आने से सरसों की दैनिक आवक उत्पादक मंडियों में मंगलवार को कम हुई। हालांकि उत्पादक राज्यों में सरसों का बकाया स्टॉक अभी भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा है, इसलिए इसकी दैनिक आवक अभी बनी रहेगी। त्योहारी सीजन होने के कारण आगामी दिनों में सरसों तेल की मांग में सुधार आया लेकिन इसकी कीमतों में तेजी, मंदी आयातित खाद्वय तेलों के दाम पर ही निर्भर करेगी।
वैश्विक बाजार में मिलाजुला रूख
बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (बीएमडी) पर दिसंबर डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में 25 रिंगिट की गिरावट आकर भाव 3,691 रिंगिट प्रति टन पर बंद हुए। इस दौरान शिकागो में सोया तेल की कीमतें 0.21 फीसदी तेज हुई।
आर्थिक मंदी की आशंका
जानकारों के अनुसार विश्व स्तर पर आर्थिक मंदी की आशंका के साथ ही भारत में आयातित खाद्वय तेलों का बकाया स्टॉक ज्यादा है। अगले महीने खरीफ तिलहन की दैनिक आवक उत्पादक मंडियों में बढ़ेगी। उधर मलेशिया में पाम उत्पादों की इन्वेंट्री ज्यादा है। ऐसे में नीचे दाम पर मांग निकलने से खाद्वय तेलों की कीमतों में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन अभी बड़ी तेजी के आसार नहीं है।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतें मंगलवार को लगातार दूसरे दिन 7-7 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमश: 1,027 रुपये और 1,017 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। जयपुर में मंगलवार को सरसों खल के दाम पांच रुपये तेज होकर भाव 3070 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
सरसों की दैनिक घटी
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक घटकर मंगलवार को 3.50 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में आवक चार लाख बोरियों की ही हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 1.75 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 45 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 40 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 10 हजार बोरी तथा गुजरात में 10 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 70 हजार बोरियों की आवक हुई।
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