Sarso Ka bhav: तेल मिलों की मांग कमजोर होने के कारण घरेलू बाजार में कल मंगलवार को सरसों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 50 रुपये कमजोर होकर 5,125 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। व्यापारियों के अनुसार मलेशिया के साथ ही शिकागो में सोया तेल के दाम कमजोर हुए हैं, जिस कारण घरेलू बाजार में सरसों तेल की कीमतों में मंदा आया। इसलिए तेल मिलों की खरीद पहले की तुलना में कम हो गई।
जानकारों के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्यों में सरसों का बकाया स्टॉक पिछले साल की तुलना में ज्यादा है, जबकि तेल में ग्राहकी सामान्य की तुलना में कमजोर है। आयातित खाद्वय तेल सस्ते हैं इसलिए सरसों तेल के दाम लगातार कमजोर हो रहे हैं। मौजूदा भाव में तेल मिलों को डिस्पैरिटी लग रही है। मई अंत में मलेशिया के पाम तेल की इन्वेंटरी बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि इस दौरान उत्पादन बढ़ा है। मई अंत में इन्वेंट्री पिछले महीने की तुलना में 6.8 फीसदी बढ़कर 1.6 मिलियन टन की बढ़ोतरी के आसार है।
भारत में पाम तेल का आयात मई में 27 महीनों के निचले स्तर पर आ गया, क्योंकि खरीदारों ने पाम तेल के महंगे कार्गो को कैंसिल करके, सस्ते सोया तेल और सूरजमुखी तेल का आयात ज्यादा मात्रा में किया। मलेशिया की स्थानीय मुद्रा रिंगित डॉलर के मुकाबले 0.66 फीसदी कमजोर हो गई, जिससे आयातकों के लिए पाम तेल सस्ता हो गया।
विदेशी बाजारों की स्थिति
बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (बीएमडी) पर अगस्त डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में लगातार दो सत्रों की तेजी के बाद मंगलवार को 61 रिंगिट यानी 1.8 फीसदी की गिरावट आकर भाव 3,320 रिंगिट प्रति टन रह गया। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 0.14 फीसदी तेज हुआ, जबकि इसका पाम तेल वायदा अनुबंध 0.5 फीसदी घट गया। शिकागो में सोया तेल की कीमतों में भी 0.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें मंगलवार को लगातार दूसरे दिन 20-20 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमश: 935 रुपये और 925 रुपये प्रति 10 किलो रह गई। इस दौरान सरसों खल के दाम पांच रुपये कमजोर होकर 2575 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
सरसों की आवक घटी
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक मंगलवार को घटकर 6 लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में आवक 7.25 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 2.50 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 95 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 50 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 45 हजार बोरी तथा गुजरात में 35 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 1.25 लाख बोरियों की आवक हुई।