नई दिल्ली: देश में आसमान छूती गेहूं और सरसों की कीमतों में बीते कुछ दिनों से लगातार गिरावट का सिलसिला जारी है। पिछले दिनों आटा-मैदा की कीमतों में आई बड़ी तेजी को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने एफसीआई (FCI) को खुले बाजार में गेहूं ज्यादा बेचने का निर्देश दिये थे। ताकि आम जनता की जेब पर पड़ रही महंगाई कि मार को कम किया जा सके। एफसीआई ने खुले बाज़ार में कम क़ीमत पर गेहूं की बिक्री करना शुरू कर दिया है।
सरकार का कहना है कि होली तक देश में आटा और मैदा के रेट में उल्लेखनीय गिरावट आएगी। देश में इस बार सरसों का बंपर उत्पादन होने की उम्मीद है, ऐसे में मंडियों में नई सरसों की आवक शुरू हो चुकी है और इसी के साथ बाईट काफ़ी दिनों से सरसों के दामों में गिरावट का रुख़ बना हुआ है, सरसों में आई इस गिरावट के चलते अब सरसों का तेल (Mustard Oil) भी सस्ता होना शुरू हो चुका है।
आटा और मैदा होगा सस्ता
बीते साल जब गेहूं की हार्वेस्टिंग हुई थी, उसी समय से गेहूं के भाव चढ़े हुए थे। बीते दिसंबर और जनवरी के दौरान खुले बाजार में गेहूं काफी महंगा हो गया था। इसके बाद सरकार ने फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (FCI) को खुले बाजार में गेहूं बेचने का निर्देश दिया था। इसके बाद एफसीआई ने आटा और मैदा बनाने वाले मिलरों के लिए गेहूं की नीलामी शुरू कर दी। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कुछ ही दिनों में आटा और मैदा की कीमतों में कमी हो जाएगी। होली तक तो निश्चित रूप से इसके दाम घटेंगे।
सरसों तेल का दाम भी घटना शुरू
सेंट्रल आर्गनाइजेशन ऑफ ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (COOIT) के चेयरमैन सुरेश नागपाल का कहना है कि इस साल सरसों की पैदावार पिछले साल से भी ज्यादा रहने की संभावना है। सरसों की नई फसल आना शुरू हो गया है। सरसों का दाम भी 6,500 रुपये प्रति क्विंटल से घट कर 5,500 रुपये क्विंटल पर आ गया है। इसलिए सरसों तेल की एक्स फैक्ट्री कीमत भी 125 रुपये लीटर से घट कर 118 रुपये तक आ गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि होली तक भाव यही रहेगा या इससे कम भी हो सकता है।
खुदरा बाजार में भी घटी सरसों तेल की कीमत
खुदरा बाजार में भी सरसों तेल का दाम घटना शुरू हो गया है। एक महीने पहले जो सरसों तेल 145 रुपये से 155 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था, वह अब घट कर 130 से 140 रुपये लीटर पर आ गया है। डीमार्ट जैसे बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर में तो धारा सरसों तेल के एक लीटर वाली बोतल 130 रुपये में बिक रही है। ऑनलाइन ग्रोसरी बेचने वाले ऐप और वेबसाइट पर भी इसके दाम घटे हैं।
इंपोर्टेड खाद्य तेलों के भी दाम घटे
भारत में करीब 60 फीसदी खाद्य तेलों का इंपोर्ट होता है। इनमें पॉमोलीन और सोयाबीन ऑयल का दबदबा है। सूर्यमुखी के तेल की भी अच्छी हिस्सेदारी है। इस समय इंपोर्टेड सोयाबीन ऑयल का थोक भाव 96 रुपये प्रति लीटर बैठ रहा है।
इसी तरह सूरजमुखी के तेल का भी थोक भाव 93 रुपये लीटर तक आ गया है। पॉमोलीन तो इन दोनों तेलों से सस्ता ही बिकता है। हालांकि इन दिनों इंडोनेशिया से पॉमोलीन के इंपोर्ट पर एक बार फिर से दिक्कत शुरू हो गई है।