चटगांव: पाकिस्तान की भांति बांग्लादेश में डॉलर का गंभीर संकट उत्पन्न हो रहा है जिससे उसके बंदरगाहों पर विदेशों से आयातित, चीनी, सोयाबीन तेल तथा पाम तेल से लदे जहाज अटकने लगे हैं उसे छुड़ाने के लिए आयातकों को बैंकों की ओर से डॉलर उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है। समझा जाता है कि ऐसे तीन जहाजों को बंदरगाहों से क्लीयरेंस नहीं मिल रहे है जिस पर लगभग 54,000 टन चीनी, पाम तेल एवं सोयाबीन तेल लदा हुआ है। ये तीनों जहाज पिछले कुछ दिनों चटगांव बंदरगाह पर खड़े हैं से जबकि डॉलर का संकट होने से आयातक इन उत्पादों के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं। बंदरगाह के बाहरी सीमा क्षेत्र जहाजों से माल में खड़े इन अनलोडिंग तभी हो सकेगी जब उसका पूरा भुगतान हो जाएगा।
जानकारों का कहना है कि इन उत्पादों का आयात दो फर्मों मेघना ग्रुप एवं एस आलम ग्रुप द्वारा किया गया है और इंस विकट परिस्थिति के लिए इन दोनों कंपनियों को क्रमश: करीब 78 हजार डॉलर एवं 16 हजार डॉलर के साथ कुल 94 हजार टन के विलम्बित शुल्क का दैनिक भुगतान करना होगा। जितने दिन तक जहाजों को बंदरगाह पर रोका जाएगा यह खर्च बढ़ता ही जाएगा। इसका खामियाजा कम्पनी के साथ-साथ आम उपभोक्ताओं को भी भुगतना पड़ेगा। आयातकों के अनुसार बांग्ला देश मुद्रा (टका) में खोले गए एलसी के जरिए इन उत्पादों का आयात किया गया था लेकिन डॉलर की कमी के कारण बैंक इसकी कीमतों का भुगतान नहीं कर सका। इसके फलस्वरूप विदेशी अपूर्तिकर्ताओं को जहाजों से उत्पादों को रिलीज करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इस समस्या को जल्दी से जल्दी सुलझाने का प्रयास किया जा रहा हैं।
रमजान का महीना नजदीक आ रहा है जब बांग्लादेश में आवश्यक वस्तुओं की मांग एवं खपत काफी बढ़ जाएगी। इसे देखते हुए सरकार भी इन उत्पादों की जल्दी से जल्दी रिलीज करवाना चाहती है। शिपिंग डैमरेज को एडजस्ट किया जाएगा और उत्पादों की कीमतों के साथ इसे जोड़ा जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि घरेलू प्रभाग में इन उत्पादों की कीमत बढ़ जाएगी। एवं सीमा शुल्क बंदरगाह अधिकारियों का कहना है कि एक जहाज पर मलेशिया से आयातित 1.24 करोड़ डॉलर मूल्य का करीब 12 हजार टन पाम तेल मौजूद है। और यह जहाज 25 नवम्बर 2022 से ही चटगांव बंदरगाह की बाहरी सीमा में खड़ा है। पिछले 54 दिनों से इस जहाज को खाली नहीं करवाया जा सका है जिससे शिपिंग डैमरेज बढ़कर 8.64 लाख डॉलर गया है। इसी तरह पर पहुंच ब्राजील से आयातित सोया तेल से लदा एक जहाज 6 जनवरी से खड़ा है। एक कम्पनी ने तो अपना माल उतार लिया लेकिन दूसरी कम्पनी करीब 5 हजार टन सोया तेल अभी जहाज में ही पड़ा हुआ है।