Mobile Solar Plant: भारत का किसान अब धीरे धीरे आधुनिक होता जा रहा है। पारम्परिक तरीके से खेती करने वाले किसानों की संख्या अब धीरे धीरे कम होती जा रही है जो एक अच्छी बात है। अब मशीनों की सहायता से खेती करना पहले जितना कठिन नही रहा। भारत के कुछ किसान तो ऐसे भी हैं जो खेती के लिए आधुनिक मशीनों को विदेश से मंगवाने की बजाय खुद के जुगाड़ से ही नयी मशीन तैयार कर रहे हैं। ऐसे ही किसान का उदाहरण हम आपको देने जा है जिन्होंने एक ऐसी मशीन तैयार की है जिसके जरिये किसान जहाँ चाहे वहां सिंचाई कर सकता है। ऐसी तकनीक के बारे में बड़े बड़े इंजिनियर अंदाज़ा भी नही लगा पाते, तो चलिए जानते है इस मशीन के बारे में…
मोबाइल सोलर प्लांट
मोबाइल सोलर प्लांट एक ऐसी मशीन है जिसकी सहायता से किसान उन खेतों की भी सिंचाई भी आसानी से कर सकते है जहाँ बिजली की बिलकुल भी सुविधा नहीं हो सकती। इसकी खास बात ये है की इस मशीन में सोलर पैनल लगे होते हैं इसलिए इसे चलाने के लिए बिजली की आवश्कता नहीं पड़ती, सूरज की ताप से ही बिजली पैदा की जाती हैं यही उर्जा इस मशीन को चलाने में सहायता करती है। इस मोबाइल सोलर प्लांट की दूसरी खासियत ये है कि इसे बड़ी आसानी से ट्रैक्टर के ज़रिए कही भी ले ज़ाया जा सकता है।
ये है इस मशीन को बनाने वाला किसान
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की जारी रिपोर्ट के अनुसार ,हरजिंदर सिंह ने इस मशीन को बनाया है। हरजिंदर सिंह ने ही इस मशीन पर सोलर पैनल की सहायता से इसे पोर्टेबल बनाया है। उन्होंने इस मशीन को तैयार करने के लिए 24 सोलर पैनल लगाये हैं। खास बात ये भी है कि इस मशीन को ट्रैक्टर के जरिये दुसरे खेत में भी ले जाया जा सकता है। दूसरी जगह ले जाकर इस मशीन को पुन: सिंचाई के लिए तैयार करने में कुछ ही मिनटों का समय लगता है। इस मशीन की सिंचाई के लिए पानी निकलने की क्षमता दो हजार से पांच हजार लीटर तक की हैं।
विदेशों में भी ऐसा कर रहे है किसान
इस तरह की तकनीक का आविष्कार केवल भारत में ही नही बल्कि जर्मनी में भी हो रहा है। जर्मनी के किसान फलों की खेती के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। सोलर पैनल की सहायता से किसान ना केवल सिंचाई के लिए काम में रहे हैं, बल्कि पूरे फार्म के लिए बिजली भी बना रहे हैं। यह तकनीक भारत के किसानो के बीच काफी लोकप्रिय बनी हुई है। ज्यादातर किसान इस तकनीक का इस्तेमाल कर भी रहे है और बहुत से किसान इसे अपने खेत में लगवाने की तैयारी कर रहे है । अब आप भी इस नई तकनीक की मदद से अपनी खेती को बेहतर कर सकते हैं।