हिसार : एफसीआई के सीएमडी ने प्रदेश की प्रांतीय एजेंसियों को औपचारिक तौर पर खरीद का सीजन आरंभ होने से पूर्व ही गेहूं खरीदने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर लेने का निर्देश दिया है। उन्होंने एजंसियों को बोरियों एवं अन्य सामग्रियों की पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा है ताकि सरकारी क्रय केन्द्रों पर किसानों से गेहूं खरीदते समय किसी तरह की समस्या उत्पन्न न हो।
FCI के सीएमडी ने किया गोदामों का निरीक्षण
एफसीआई के सीएमडी पिछले दिन कैथल में गेहूं की खरीद एवं भंडारण व्यवस्था का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे। सीएमडी के अनुसार गेहूं की खरीद सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप की जाएगी और सभी क्रय एजेंसियों को उससे पहले ही पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए।
इसके अलावा निर्धारण नियमों के अनुरूप खरीदे गए गेहूं का सुरक्षित भंडारण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। एफसीआई के सीएमडी को बताया गया कि कैथल (हरियाणा) में दो खाद्य सुरक्षा डिपो है। जिसकी भंडारण क्षमता क्रमश: 6 हजार टन और 9 हजार टन की है। इसके अलावा खाद्य निगम द्वारा लीज (पट्टा) पर भी गोदाम लिया गया है।
सीएमडी का कहना था कि अधिकारियों को गेहूं के उठाव की गति तेज रखनी होगी। उन्होंने अधिकारियों को क्रय केन्द्रों पर किसानों के विश्राम पेयजल, बिजली एवं स्टॉल में सफाई सुनिश्चित करने तथा नमी मापक मशीनों एवं अन्य उपकरणों सुविधाओं की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया।
इस बार होगी एमएसपी पर गेहूं की बप्पर खरीदी
जिले के उपायुक्त ने कहा कि इस सम्बन्ध में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। भारतीय खाद्य निगम का इरादा इस बार अधिक से अधिक गेहुं खरीदने का है क्योंकि केन्द्रीय पूल में महत्वपूर्ण खाद्यान्न स्टॉक घटकर पिछले कई वर्षों के निचले स्तर पर आ गया है। जानकारी के लिए आपको बता दे की 2021-22 के सीजन में गेहुं की सरकारी खरीद करीब 56 प्रतिशत घटकर 188 इस लाख टन के आसपास सिमट गई थी।
गेहूं का समर्थन मूल्य 2023 का क्या है?
केंद्रीय कैबिनेट द्वारा रबी विपणन सत्र 2023-24 की रबी फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पहले हूँ जारी किए जा चुके है, जिसमें गेहूं का MSP 110 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2125 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। यानी इस बार सरकार द्वारा किसानों से गेहूं की खरीद 2,125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से की जायेगी।