चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर (Chandrayaan Vikram Lander) के चंद्रमा की सतह पर उतरने के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया है। 14 जुलाई 2023 को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हुआ Chandrayaan-3 ने आज शाम 6.04 बजे चांद के साउथ पोल पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग की है। इस ऐतिहासिक मिशन की सफलता पर उम्मीदें पूरे देश की लगी हुई थीं, इसके साथ ही चंद्रयान-3 में अपनी भूमिका निभाने वाली इस सेक्टर की भारतीय कंपनियों (Indian Space Sector Companies) के लिए भी इस मिशन की सफलता मील का पत्थर साबित हुई है।
मोदी बोले- चंदा मामा के दूर के नहीं, एक टूर के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़कर वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा- यह क्षण भारत के सामर्थ्य का है। यह क्षण भारत में नई ऊर्जा, नए विश्वास, नई चेतना का है। अमृतकाल में अमृतवर्षा हुई है। हमने धरती पर संकल्प लिया और चांद पर उसे साकार किया। हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं।
नया इतिहास बनते ही हर भारतीय जश्न में डूब गया है। पहले कहा जाता था कि चंदा मामा बहुत दूर के हैं। एक दिन ऐसा आएगा कि बच्चे कहेंगे चंदा मामा बस टूर के हैं।
कैसे हुई चंद्रयान-3 की लैंडिंग? –
विक्रम लैंडर 25 किलोमीटर की ऊंचाई से चांद पर उतरने की यात्रा शुरू की. अगले स्टेज तक पहुंचने में उसे करीब 11.5 मिनट लगे. यानी 7.4 किलोमीटर की ऊंचाई तक.
– 7.4 km की ऊंचाई पर पहुंचने तक इसकी गति 358 मीटर प्रति सेकेंड थी. अगला पड़ाव 6.8 किलोमीटर था.
– 6.8 km की ऊंचाई पर गति कम करके 336 मीटर प्रति सेकेंड हो गई. अगला लेवल 800 मीटर था.
– 800 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर के सेंसर्स चांद की सतह पर लेजर किरणें डालकर लैंडिंग के लिए सही जगह खोजने लगे.
– 150 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर की गति 60 मीटर प्रति सेकेंड थी. यानी 800 से 150 मीटर की ऊंचाई के बीच.
– 60 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर की स्पीड 40 मीटर प्रति सेकेंड थी. यानी 150 से 60 मीटर की ऊंचाई के बीच.
– 10 मीटर की ऊंचाई पर लैंडर की स्पीड 10 मीटर प्रति सेकेंड थी.
– चंद्रमा की सतह पर उतरते समय यानी सॉफ्ट लैंडिंग के लिए लैंडर की स्पीड 1.68 मीटर प्रति सेकेंड थी.
विक्रम लैंडर पर चार पेलोड्स क्या काम करेंगे?
1. रंभा (RAMBHA)… यह चांद की सतह पर सूरज से आने वाले प्लाज्मा कणों के घनत्व, मात्रा और बदलाव की जांच करेगा.
2. चास्टे (ChaSTE)… यह चांद की सतह की गर्मी यानी तापमान की जांच करेगा.
3. इल्सा (ILSA)… यह लैंडिंग साइट के आसपास भूकंपीय गतिविधियों की जांच करेगा.
4. लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे (LRA) … यह चांद के डायनेमिक्स को समझने का प्रयास करेगा.
प्रज्ञान रोवर पर दो पेलोड्स हैं, वो क्या करेंगे?
1. लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (Laser Induced Breakdown Spectroscope – LIBS). यह चांद की सतह पर मौजूद केमकल्स यानी रसायनों की मात्रा और गुणवत्ता की स्टडी करेगा. साथ ही खनिजों की खोज करेगा.
2. अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (Alpha Particle X-Ray Spectrometer – APXS). यह एलिमेंट कंपोजिशन की स्टडी करेगा. जैसे- मैग्नीशियम, अल्यूमिनियम, सिलिकन, पोटैशियम, कैल्सियम, टिन और लोहा. इनकी खोज लैंडिंग साइट के आसपास चांद की सतह पर की जाएगी.
चंद्रविजयी की हार्दिक शुभकामनाएँ संदेश
हम सबका था विश्वास
इसलिए हम हो गए कामयाब,
चांद पर हो गई सॉफ्ट लैंडिंग
दुनिया ने कहा जीता हिंदुस्तान।
चंद्रविजयी की शुभकामनाएं
इसरो ने कर दिखाया है
चांद पर भारत का झंडा लहराया है
चंद्रयान-3 की लैंडिंग कराकर
भारत का सिर गर्व से ऊंचा उठाया है।
मंगल पर तो पहले पहुंचे थे
अब चांद विजय भी कर लिया
हर भारतवासी खुश है
जब चंद्रयान लैंडिंग कर गया।
आज उम्मीद हो गई पूरी
चांद की जमीं पर जब उतरा चंद्रयान
चांद पर पहुंचकर इसरो ने बढ़ाया मान
अंतरिक्ष में चंद्रयान और बुलंदी पर पहुंचा हिंदुस्तान।
चांद पर पहुंचकर इसरो ने बढ़ाया मान
अंतरिक्ष में चंद्रयान और बुलंदी पर है हिंदुस्तान।