Horticulture Centre of Excellence: भारत एक कृषि प्रधान देश है. यहाँ पर मुख्यतः गेंहू, चावल, मक्का, कपास, बाजरा, ज्वार तथा तिलहन फसलों की बुआई की जाती है. इन फसलों से किसान परिवार अपने खुद के परिवार के जरूरतों को पूरा करके बची हुई फसल को मंडियों में बेच देते हैं. इससे मिले हुए पैसों से इनके घर का गुजारा चलता है. लेकिन आय को और अधिक बढ़ाने के लिए अनाज तथा तिलहन फसलों के अलावा फलों तथा सब्जियों की खेती भी होने लगी है. इन्ही फल, सब्ज़ी तथा फूलों की खेती को बागवानी या हॉर्टिकल्चर कहा जाता है. हॉर्टिकल्चर को ही बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार देश के विभिन्न स्थानों पर उत्कृष्टता केंद्र खोल रही है।
सरकार के नए उत्कृष्टता केंद्र
3 New Horticulture Centre of Excellence: इन उत्कृष्ट केंद्रों पर किसानों को फल तथा सब्जिओं की खेती से सम्बंधित जानकारी दी जाएगी। ताकि किसान अपनी आय को और अधिक इजाफा दे सके. मिशन फॉर इंटिग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (एमआईडीएच) के तहत ही देश में 3 उत्कृष्टता केंद्र खोले जाएंगे। इन उत्कृष्टता केंद्रों में इनके बीज, खाद, बुआई, कटाई, नई किस्में, बीमारियां तथा इनके इलाज सहित सभी जानकारी मिलेगी। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतरगत अब तक 49 उत्कृष्टता केंद्रों को स्वीकृति मिल चुकी है। जिसमे से 3 इस प्रकार हैं:-
- भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर), बेंगलुरु: ये ड्रैगन फ्रूट के लिए उत्कृष्टता केंद्र है. इसको सरकार एक्सपेरिमेंटल बेसिस पर कर्नाटक के हिरेहल्ली स्थान पर खोल रही है।
- आम उत्कृष्टता केंद्र : ओडिशा के पणिकोइली में इंडो- इजरायल प्लान के अंतर्गत आम का उत्कृष्टता केंद्र खोला जायेगा।
- सब्जियों ओर फूलों के लिए उत्कृष्टता केंद्र: फूलों तथा सब्जिओं के लिए कोडर, खांडेपार, साउथ गोवा तथा पोंडा में इंडो-इजरायल प्लान के अंतर्गत खोला जायेगा।
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