Geranium Farming in India : खेतीबाड़ी के काम-काज को अगर बिजनेस के मकसद से किया जाए तो मोटी कमाई कर सकते हैं। अब किसान भी परंपरागत खेती को छोड़कर नकदी फसलों की ओर रूख कर रहे हैं। ऐसे ही आज हम आपके साथ इस बिजनेस आईडिया (Business Idea) न्यूज़ आर्टिकल में हम एक ऐसे फूल के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसकी खेती करके किसान जल्द ही मालामाल हो जाएंगे।
जी हाँ हम जिस फूल की बात कर रहे है उसका नाम है जिरेनियम। वैसे भी देश में सुगंधित पौधों की खेती करने के लिए सरकार की ओर से किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार अरोमा मिशन (Aroma Mission) के तहत काम कर रही है। जिरेनियम (Geranium) एक प्रकार का सुगंधित पौधा है। इस पौधे को गरीबों का गुलाब भी कहा जाता है।
जिरेनियम के फूलों से तेल निकाला जाता है जो दवाओं में इस्तेमाल के अलावा अन्य कई कामों में उपयोग किया जाता है। जिरेनियम के तेल में गुलाब जैसी खुशबू आती है। इसका उपयोग एरोमाथेरेपी, ब्यूटी प्रोडक्ट्, इत्र और सुगंधित साबुन बनाने में किया जाता है।
जिरेनियम के औषधीय लाभ
जिरेनियम तेल का इस्तेमाल औषधी के रूप में भी किया जाता है। इसके तेल का इस्तेमाल करने से अल्जाइमर, तंत्रिका विकृति और विकारों की समस्या को कम करता है। इसके साथ ही मुंहासों, सूजन और एक्जिमा जैसी स्थिति में भी इसका इस्तेमाल लाभकारी बताया जाता है। यह बढ़ती उम्र के प्रभाव को भी कम करता है। इसके साथ ही मांसपेशिया और त्वचा, बाल और दांतों को होने वाले नुकसान में भी इसका प्रयोग गुणकारी माना गया है।
जिरेनियम की खेती कहां होती है?
जिरेनियम के पौधों को कहीं भी उगाया जा सकता है। हालांकि बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए बेहतर मानी गई है। इन पौधों को पानी की बहुत कम जरूरत होती है। यानी इसकी खेती ऐसे जगह पर की जा सकती है जहां बारिश कम होती हो।
इसकी खेती (Jirenium Ki Kheti) के लिए हर तरह की जलवायु अच्छी मानी जाती है। लेकिन कम नमी वाली हल्की जलवायु इसकी अच्छी पैदावार के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। जिरेनियम के पौधे को आप केंद्रीय औषधीय एवं पौधा संस्थान से खरीद कर अपने खेतों में लगा सकते हैं। इसे किसी भी परिस्थिति में उगाया जा सकता है। इसकी खेती कर किसान कम पैसे में आसानी से अपना मुनाफा बढ़ा सकते हैं।
खर्चा और कमाई
जिरेनियम की फसल (Geranium Cultivation) लगाने के लिए 1 लाख रुपये का खर्च आता है। इसका तेल काफी महंगा बिकता है। बाजार में करीब 20,000 रुपये प्रति लीटर तक बिक जाता है। इसके पौधे 4 से 5 साल तक उत्पादन देते हैं। ऐसे में हर साल लाखों रुपये कमा सकते हैं। उत्तर प्रदेश के बदायूं, कासगंज, संभल जैसे कई जिले किसान इसकी खेती कर रहे हैं।
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