नई दिल्ली: तेल मिलों की ग्राहकी कमजोर बनी रहने के कारण घरेलू बाजार में गुरुवार को लगातार चौथे दिन सरसों की कीमतें में गिरावट दर्ज की गई। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 75 रुपये घटकर दाम 5,250 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक घटकर 8 लाख बोरियों पर स्थिर बनी रही।
व्यापारियों के अनुसार आयातित खाद्वय तेलों की कीमतों में चल रही गिरावट का असर घरेलू बाजार में सरसों तेल की कीमतों पर पड़ रहा है। इसलिए लगातार सरसों के दाम घरेलू बाजार में कमजोर रहे हैं। कीमतों में चल रही गिरावट के कारण तेल मिलें केवल जरुरत के हिसाब से ही सरसों की खरीद कर रही हैं।
जानकारों के अनुसार चालू रबी सीजन में सरसों का उत्पादन अनुमान ज्यादा है तथा नई फसल की आवक के समय पिछले साल का बकाया स्टॉक भी ज्यादा है। ऐसे में प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में अभी सरसों की दैनिक आवकों का दबाव बना रहेगा। इसलिए इसके भाव में अभी तेजी के आसार नहीं है।
विदेशी बाजारों की स्थिति
बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में पाम तेल (Palm Oil) की कीमतें 115 रिगिंट यानी 3.22 फीसदी कमजोर होकर 3,455 रिंगिट प्रति टन रह गई। तीन अक्टूबर के बाद इसके दाम निचले स्तर पर आ गए हैं। इस दौरान शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतें 0.81 फीसदी कमजोर हुई। इस दौरान डालियान का सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध 0.7 फीसदी तक कमजोर हो गया, जबकि इसके पाम तेल वायदा अनुबंध में 1.9 फीसदी की गिरावट आई।
सूत्रों के अनुसार इंडोनेशिया ने अप्रैल के अंतिम दो सप्ताहों के दौरान क्रूड पाम तेल (CPO) के संदर्भ मूल्य को 932.69$ के मुकाबले 1 मई से 15 मई की अवधि के लिए 955.53$ प्रति टन पर सेट करने का प्रस्ताव दिया है।
सरसों तेल का रेट
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें गुरुवार को भी 17-17 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 985 रुपये और 975 रुपये प्रति 10 किलो रह गई। इस दौरान सरसों खल के दाम 10 रुपये कमजोर होकर दाम 2445 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
दैनिक आवक
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक बुधवार को 8 लाख बोरियों की ही हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में आवक 8.50 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 4.25 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 90 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 65 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 80 हजार बोरी तथा गुजरात में 50 हजार बोरी, तथा अन्य राज्यों की मंडियों में 90 हजार बोरियों की आवक हुई।