नई दिल्ली: पिछले सप्ताह के अंत में सरसों की कीमतों में मंदा आया था, लेकिन नीचे दाम पर तेल मिलों की मांग सुधरने से घरेलू बाजार में सोमवार को इसके दाम स्थिर हो गए। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 5775 रुपये प्रति क्विंटल के पूर्व स्तर पर टिके रहे। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक बढ़कर चार लाख बोरियों की हुई।
मलेशियाई पाम तेल वायदा के दाम आज तेज हुए, साथ ही इस दौरान शिकागो में सोया तेल की कीमतें भी तेज हुई। घरेलू बाजार में लगातार तीन कार्य दिवसों की गिरावट के बाद सरसों तेल की कीमतों में सुधार आया, हालांकि सरसों खल की कीमतें इस दौरान स्थिर बनी रही।
देशभर में सरसों उत्पादक राज्यों में किसानों के साथ ही स्टॉकिस्टों के पास सरसों का बकाया स्टॉक अभी भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा है, इसलिए दैनिक आवक अभी बराबर बनी रहेगी। त्योहारी सीजन होने के कारण आगामी दिनों में सरसों तेल की मांग में सुधार आयेगा, जबकि इसकी कीमतों में तेजी, मंदी काफी हद तक आयातित खाद्वय तेलों के भाव पर निर्भर करेंगी।
विदेशी बाज़ारों की स्थिति
कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी के कारण सोमवार को मलेशियाई एक्सचेंज में पाम तेल की कीमतें मजबूत होकर बंद हुई, हालांकि बढ़ते स्टॉक ने तेजी को सीमित कर दिया। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (बीएमडी) पर दिसंबर के पाम तेल वायदा अनुबंध में 8 रिंगिट यानी की 0.22 फीसदी की तेजी आकर भाव 3,608 रिंगिट प्रति टन हो गए।
मालूम हो कि पिछले सप्ताह साप्ताहिक आधार पर इसके दाम 4.4 कमजोर हुए थे। इस दौरान शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर सोया तेल वायदा अनुबंध में 1.37 फीसदी की तेजी आई। शुरुआती कारोबार में मलेशियाई पाम तेल अनुबंध 2.4 फीसदी तक तेज हुआ था, लेकिन दुनिया के दूसरे सबसे बड़े पाम तेल उत्पादक मलेशिया में बढ़ते स्टॉक के कारण शाम के सत्र में तेजी कम हो गई।
सोमवार को क्रूड तेल की कीमतों में 3 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई थी, क्योंकि इजरायल और फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास के बीच सैन्य झड़पों ने मध्य पूर्व में व्यापक संघर्ष की आशंका पैदा कर दी है।
जानकारों के अनुसार पाम तेल उत्पादों के सबसे खरीदार भारत से आयात मांग में कमी और मलेशियाई पाम तेल के बढ़ते स्टॉक को देखते हुए इसकी कीमतों में अभी बड़ी तेजी के आसार कम है। सूत्रों के अनुसार, निर्यात में बढ़ोतरी के बावजूद सितंबर के अंत में मलेशिया का पाम तेल का स्टॉक अक्टूबर 2022 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचने की संभावना है, क्योंकि उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि जानकारों का मानना है कि अमेरिकी कृषि विभाग इस सप्ताह अपनी रिपोर्ट में अमेरिकी मक्का और सोयाबीन के उत्पादन के अनुमान को कम कर सकता है।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी और एक्सपेलर की कीमतें सोमवार को लगातार तीन कार्य दिवसों की गिरावट के बाद 9-9 रुपये तेज होकर भाव क्रमश: 1,035 रुपये और 1,025 रुपये प्रति 10 किलो हो गए। जयपुर में सोमवार को सरसों खल के दाम 3000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
सरसों की दैनिक आवक हुई इतनी
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक सोमवार को बढ़कर लाख लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में आवक 3.50 लाख बोरियों की ही हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 2.25 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 50 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 40 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 15 हजार बोरी तथा गुजरात में 10 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 60 हजार बोरियों की आवक हुई।