Dragon Chicken Farming Business: किसानों के लिए कृषि व्यवसायों की भाँति मुर्गी पालन का काम भी मुनाफ़े का सौदा होता है बल्कि यदि बेहतर ढंग से मुर्गी पालन का कार्य किया जाये तो कृषि से अधिक आय हो सकती है. हालांकि, मुर्गी पालन में लागत अधिक लगती है मेहनत और निगरानी भी काफ़ी करनी पड़ती है लेकिन इस व्यवसाय से जो मुनाफ़ा आपको मिगेगा वो आपकी सारी थकान भुला देगा.
क्योकि जिस मुर्गी की हम बात कर रहे हैं उसकी कीमत इतनी अधिक है कि आप सोचने पर मजबूर हो जाएँगे. एक मुर्गी की कीमत क़रीब 200 कड़कनाथ मुर्गे के बराबर होती है. चलिए बात करते हैं कैसे आप ड्रैगन चिकन का पालन कर लाखों रुपये कमा सकते हैं और क्या इस मुर्गी की ख़ास बात है जो ये इतनी महँगी होती है.
क्या है ड्रैगन मुर्गे की खासियत?
जिस मुर्गी की हम बात कर रहे हैं उसका नाम है ‘डॉन्ग टाओ’ या ‘ड्रैगन चिकन’. ये दुनिया के सबसे महंगे मुर्गों हैं और आज के समय में ज़्यादातर ये मुर्गे वियतनाम में पाए जाते हैं, हालाँकि अब दुनिया के अलग अलग देशों में भी इनकी डिमांड को देखते हुए इनका पालन होने लगा हैं. परंतु मुख्य रूप से ये वियतनाम में ही पाये जाते है यदि भारत की बात करें तो अधिकतर लोग अभी तक इस मुर्गी की ख़ासियत से परिचित नहीं हैं.
क्या है ड्रैगन मुर्गे की कीमत?
‘डॉन्ग टाओ’ या ‘ड्रैगन चिकन’ के नाम से पहचानी जाने वाली मुर्गी पूरी दुनिया में लोकप्रिय बनी हुई है सबसे पहले ये मुर्गे वियतनाम की राजधानी हनोई में पाले गए थे.जो चीज़ इन्हें बाक़ी मुर्ग़ों से ख़ास बनती है वह है इनकी मोटी टाँगे।
इन मुर्ग़ों की टाँगे इतनी ज़्यादा मोटी होती हैं कि ये कह पाना मुश्किल हो जाता है कि ये एक मुर्ग़े की टाँगे हैं और आप यक़ीन नहीं कर पाते, यही ख़ास बात इनके महँगे होने का कारण बन जाती है.
इस वक्त बाजार में एक ड्रैगन चिकन की कीमत लगभग 1,64,000 रुपये यानी $2000 के क़रीब है . जानकारी के लिए आपको बता दे इस मुर्गे को वियतनाम में केवल एक ही अवसर पर खाया जाता है वह है लूनर न्यू ईयर.
भारत में कैसे कर सकते हैं इसका पालन
यदि आप भी इस मुर्गी का व्यापार करने का मन बना रहे है तो जानकारी के लिए आपको बता दें की आपको इसके चूजे (chicks) वियतनाम से मंगवाने होंगे। क्योंकि अभी तक भारत में इसकी नस्ल मिलना मुश्किल है। यदि इन मुर्गियों का व्यापार करने में आप सफल हो जाते है तो आप हर महीने हज़ारों नहीं बल्कि लाखों रुपए की कमाई आराम से कर सकेंगे।
इसके अलावा इन मुर्गों का पालन भी कुछ वैसे ही होता है जैसे अन्य देशी मुर्गों का पालन किया जाता है। बस इनकी खुराक ज्यादा होती है और इन्हें एक फॉर्म में बंद कर के पालना मुश्किल होता है। इसलिए आपको अधिक जगह की जरूरत पड़ेगी।