Dollar vs Inr अपने सबसे खराब स्तिथी में जा सकता है भारतीय मुद्रा ‘रूपया’ जा सकता है 80 रुपये /डॉलर के नीचे।
नई दिल्ली : बीतें दिनों 14 बैंको, ट्रेज़री डिपार्टमेंट और सम्बंधित विभागों के एक साझा पोल से यह बात निकल कर आई है कि भारतीय मुद्रा का वैल्यू डॉलर के मुकाबले 80 रुपये से नीचे जा सकता है। यह रुपये का अपने अब तक के सर्वाधिक खराब स्तिथि होगी।
इस पोल में भाग ले रहे संस्थाओ का कहना है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युध्द अगर किसी राजनायिक तरीके से समाप्त नही होता तो यह स्थिति आ सकती है।
गौरतलब है कि भारतीय रुपये अभी 75- 77 के वैल्यू के बीच करोबार कर रहा है।
सी.आर फोरेक्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अमित पाबरी के अनुसार जिस तरह की स्थितियां पिछले 1 माह से बनी है वो इतनी आसानी से और जल्दी शांत नही होगी।
रुपये सोमवार को तब अपने रिकॉर्ड लौ वैल्यू तक पहुँच गया था जब अचानक से अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामो में बढ़ोतरी हुई।
क्या होंगे इसके तात्कालिक असर?
रुपये के गिरने और कच्चे तेल के दाम बढ़ने का जो तात्कालिक असर है वो राष्ट्र के आयात खर्च में बढ़ोतरी एवम निर्यात लाभ में कमी के रुप में देखी जाएगी।
उसी मात्रा में आयात जो पहले की मात्रा थी करने में अब हमें ज्यादा खर्च करने होंगे और खरीदार को हमारी वस्तु खरीदने में कम डॉलर खर्च करने होंगे।
क्या होगा आम जिन्दगी पर इसका असर?
आयात के खर्चों में हुई बढ़ोतरी महंगाई को पर देगी और देखते ही देखते मंहगाई आसमान छुएगी। रुपये के वैल्यू में गिरावट तेल -आयात के खर्च में भी इजाफ़ा लाएगा और प्रति बैरल तेल आयात में हमे ज्यादा खर्च करने होंगे जिसका असर महंगाई में आराम से बढ़ोतरी के रुप में देखा जाएगा।
क्या होगा जीडीपी पर इसका असर?
वस्तु-निर्माण में प्रयुक्त होने वाले माल के दामो में वृद्धि उस वस्तु के दाम में इजाफा लाएगा जिससे जीडीपी में बढ़ोतरी होगी किंतु दाम के बढ़ने से वस्तु के मांग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा जिससे जीडीपी में हुई वृद्धि के मतलब नही रह जाएंगे।
क्या है जीडीपी निकालने का फॉर्मूला?
गौरतलब है कि जीडीपी निकालने का सबसे बेहतर फार्मूला है दिनचर्या के कामो में होने वाले माल एवम सेवा के प्रयोग को निवेश, माल एवम सेवा में सरकारी खर्च एवम निर्यात में जोड़कर आयात को उसमे घटा दिया जाता है।
रुपये की गिरावट से आयात एवम निर्यात में फर्क पड़ेगा लेकिन महँगाई के बढ़ने से घरो में होने वाले खर्च कम होंगे जिससे जीडीपी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
क्या होंगे इसके दूसरे असर?
रुपये की गिरावट से उन लोगो के सपनों में भी खलल पड़ सकता है जो सस्ती शिक्षा के लिए विदेश का रास्ता चुनते है।अब विदेश का रास्ता उनको महंगा पड़ेगा।
विदेश भ्रमण की योजना बना रहे लोगो को भी अब सफर महँगा पड़ेगा।
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क्या इसके कोई सकारात्मक प्रभाव भी होंगे?
चूंकि विदेश घूमना अब बजट के बाहर जा सकता है तो देश के अंदर ही टूरिज्म के व्यापार को पंख लगेंगे।
विदेशियों को चूंकि उनके डॉलर के मुकाबले हम अब ज्यादा रूपये देंगे तो वो भी हिंदुस्तान को नया टूरिज्म डेस्टिनेशन बनाएँगे।
निर्यात वस्तु निर्माण क्षेत्र में नए रोजगार के मौके भी मिल सकते है।
Dollar vs Inr Chart Last 10 Years :-
Web Title : The fall in the rupee against the dollar, what will be its effect on the country’s GDP and common people