Onion Export Ban: केंद्र सरकार ने प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए 31 मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी। डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) गुरुवार को नोटिफेकशन जारी कर इसकी जानकारी दी। प्याज एक्सपोर्ट पर यह बैन 8 दिसंबर से लागू कर दिया गया है।
देश की राजधानी दिल्ली में स्थानीय सब्जी विक्रेता 75 रुपये प्रति किलो की दर पर प्याज बेच रहे हैं। ऐसे में आम उपभोक्ताओं का रसोई का बजट बिगड़ने लगा है। प्याज की कीमतों में आ रही इस तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है।
इससे पहले सरकार ने अगस्त में प्याज के डोमेस्टिक स्टॉक को मेंटेन रखने और कीमतों में बढ़ोतरी को रोकने के लिए 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई थी। वहीं अक्टूबर महीने के आखिर में प्याज के एक्सपोर्ट के लिए मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस यानी MEP 800 डॉलर (करीब ₹66,710) प्रति टन फिक्स किया था। ये दोनों फैसले 31 दिसंबर 2023 तक लागू हैं।
सरकार ने यह फैसला प्याज की डोमेस्टिक अवेलेबलिटी मेंटेन रखने और कीमतों को कंट्रोल में रखने के लिए किया है। हालांकि, यह बैन नोटिफिकेशन के जारी होने के पहले की तीन कंडीशन में लागू नहीं होगा…
- शिपिंग बिल फाइल की जा चुकी है, जहाज भारतीय पोर्ट्स पर आकर खड़े हो चुके हैं।
- नोटिफिकेशन जारी होने के पहले जहाज पर प्याज की लोडिंग शुरू हो गई है।
- जहां प्याज के कंसाइनमेंट कस्टम को हैंडओवर किए जा चुके हैं और उसके सिस्टम में डिटेल फीड हो चुकी हैं।
सस्ते भाव में प्याज की बिक्री
अक्टूबर में केंद्र सरकार ने आम उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए खुदरा बाजारों में 25 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर बफर प्याज स्टॉक बेचने का फैसला किया था।
उपभोक्ता मामले के विभाग ने एनसीसीएफ, नेफेड, केंद्रीय भंडार और राज्य नियंत्रित दूसरी सहकारी समितियों द्वारा संचालित खुदरा दुकानों और मोबाइल वैन के जरिए 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती कीमत पर प्याज बेच रही है।
सरकार के मुताबिक साल 2022-23 में प्याज के बफर साइज को 2.5 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 7 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है। अब तक 5.06 एलएमटी प्याज की खरीद की जा चुकी है और बाकी 2 एलएमटी की खरीद जारी है।
9.75 लाख टन प्याज का हुआ निर्यात
आंकड़ों के मुताबिक इस वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से 4 अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया है। जिनमें बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) शीर्ष तीन आयातक देश हैं।
खरीफ फसल सत्र में प्याज की खेती के रकबे में की खबरों के बीच इसके दाम चढ़ने लगे हैं। 14 नवंबर को जारी WPI आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में सब्जियों और आलू की मुद्रास्फीति में क्रमशः -21.04% और आलू में -29.27% गिरावट दर्ज की गई, वहीं प्याज की वार्षिक मूल्य वृद्धि दर 62.60% के उच्च स्तर पर बनी रही।