Agriculture Land Circle Rate in Delhi: दिल्ली सरकार ने राजधानी के किसानों को बड़ा तोहफा देते हुए कृषि भूमि के सर्किल रेट को 10 गुना बढ़ा दिया है। राजस्व मंत्री आतिशी ने सोमवार को सचिवालय में बड़ा ऐलान करते हुए इसकी जानकारी दी। दिल्ली के कृषि भूमि सर्किल रेट को 2008 यानी 15 साल के बाद बढ़ाया गया है। राजधानी दिल्ली में सभी कृषि भूमि के लिए सर्किल रेट बढ़ाने वाले फैसले को राजस्व मंत्री आतिशी ने दिल्ली सरकार का एक निर्णायक फैसला बताया है।
दिल्ली की राजस्व मंत्री आतिशी ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली के सभी जिलों में कृषि भूमि के सर्किल रेट एक समान 53 लाख रुपए प्रति एकड़ था, लेकिन दिल्ली के कई क्षेत्रों की जमीन अन्य जगहों की तुलना में काफी ज्यादा कीमती है और उनकी मांग भी काफी अधिक है। दिल्ली सरकार द्वारा किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए कृषि भूमि के सर्किल रेट में बदलाव करने का फैसला लिया गया है। बीते कई सालों से दिल्ली की सरकार इसके लिए प्रयासरत थी । लेकिन बीच में कोविड-19 आ जाने की वजह से सर्किल रेट बढाने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई थी। अब केजरीवाल सरकार ने कृषि भूमि के रेट नए सिरे से तय कर दिया है। पहले पूरी दिल्ली में कृषि भूमि का सर्किल रेट एक सामान होता था, लेकिन अब जिलावार तय किया गया है।
दिल्ली के इन क्षत्रों में सर्किल रेट सबसे ज्यादा
आप सरकार में राजस्व मंत्री आतिशी के मुताबिक नई दिल्ली जिला और दक्षिण दिल्ली जिला में 5 करोड़ रूपये प्रति एकड़, उत्तर, पश्चिम, उत्तर पश्चिम व दक्षिण पश्चिम जिले में 3 करोड रुपए प्रति एकड़, मध्य और दक्षिण पूर्वी दिल्ली में 2.5 करोड़ रुपए प्रति एकड़ और शाहदरा उत्तर पूर्वी व पूर्वी जिला में 2.25 करोड़ रुपए प्रति एकड़ सर्किल रेट तय किया गया है। इससे किसान भाइयों को जमीन बेचने पर उसका उचित दाम मिल सकेगा और किसान भूमि अधिग्रहण के दौरान उचित मुआवजा भी प्राप्त कर सकेंगे।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि “दिल्ली के किसानों की ये बहुत समय से माँग थी कि उनकी खेती की ज़मीन के रेट बढ़ाये जायें। कुछ वर्ष पहले हमने बढ़ाये भी थे पर उस वक़्त कुछ कारणों से वो लागू नहीं हो पाये। आज मुझे दिल्ली के अपने सभी किसान भाइयों को बताते हुए ख़ुशी हो रही है कि आपकी ये माँग पूरी हुई। आपका बेटा आपके हित के लिए हमेशा काम करता रहेगा.”
केजरीवाल सरकार का प्रस्तावित सर्कल रेट-
जिला | ग्रीन बेल्ट विजेल | अर्बनाइज्ड विजेल | रूरल विजेल |
साउथ | 5.00 | 5.00 | 5.00 |
नॉर्थ | 3.00 | 3.00 | 3.00 |
वेस्ट | 3.00 | 3.00 | 3.00 |
नॉर्थ-वेस्ट | 3.00 | 3.00 | 3.00 |
साउथ-वेस्ट | 3.00 | 4.00 | 3.00 |
नई दिल्ली | 5.00 | 5.00 | 5.00 |
सेंट्रल | कोई नहीं | 2.50 | 2.50 |
साउथ-ईस्ट | कोई नहीं | 4.00 | 2.50 |
शहादरा | 2.25 | 2.25 | 2.25 |
नार्थ-ईस्ट | कोई नहीं | 2.25 | 2.25 |
ईस्ट | कोई नहीं | 2.25 | 2.25 |
सर्किल रेट बढ़ने से किसानों को होगा फायदा
दिल्ली में कृषि भूमि के सर्किल रेट बढ़ाने को लेकर राजस्व मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार द्वारा किसानों के हक में बहुत बड़ा फैसला लिया गया है। सरकार के इस फैसले के तहत दिल्ली में 2008 के बाद पहली बार किसानों की कृषि भूमि के सर्किल रेट में बदलाव किया जाएगा। इससे किसानों को बहुत फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि 2008 से अब तक दिल्ली में कृषि योग्य भूमि का अधिकतम सर्किल रेट सिर्फ 53 लाख रुपए प्रति एकड़ था। इस वजह से किसानों को उनकी भूमि का उचित दाम नहीं मिलता था। जब दिल्ली सरकार अलग-अलग विकास परियोजनाओं जैसे सड़कें-फ्लाईओवर, यूनिवर्सिटी-अस्पताल बनाने के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण करती थी तो किसानों को अधिसूचित सर्किल रेट 53 लाख रुपए प्रति एकड़ के मुताबिक ही मुआवजा मिलता था, जो मौजूदा बाजार रेट के हिसाब से कम है।
भूमि अधिग्रहण के दौरान किसानों को मिलेगा उचित मुआवजा
राजस्व मंत्री आतिशी ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि एग्रीकल्चर लैंड की सर्किल दरें कम होने से किसानों को नुकसान होने के साथ ही दिल्ली सरकार को भी नुकसान होता है। क्योंकि जब किसानों को उनकी जमीन का कम मुआवजा मिलता है तो वे सरकारी प्रोजेक्ट के लिए अपनी भूमि नहीं देना चाहते हैं। ऐसे में कई बार मामला कोर्ट तक पहुंच जाता था और लंबे समय तक मुकदमा चलता था। इस वजह से बहुत से डेवलपमेंट वर्क पूरा करने में देरी हो जाती है। लेकिन अब सर्किल रेट में नए बदलाव किए गए हैं। जिसके बाद अब दिल्ली के किसानों को भूमि अधिग्रहण के समय सही और जायज मुआवजा मिल सकेगा।
मंत्री आतिशी ने आगे कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से कृषि भूमि के सर्किल रेट अब नए सिरे से तय कर दिया है। पहले पूरी दिल्ली में कृषि भूमि का सर्किल रेट एक समान होता था, लेकिन अब जमीन की कीमत और मांग के हिसाब से जिलावार तय किया गया है। दिल्ली सरकार अब इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल के पास भेजा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद नए सर्किल रेट लागू कर दिया जाएगा।