Bank Strike: 1 फरवरी को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साल 2023 का बजट पेश करने वाली हैं। मगर इससे पहले ही बैंकों के कर्मचारियों की एकीकृत यूनियन UFBU ने गुरूवार को कर्मचारी नेताओं की बैठक के बाद हड़ताल करने का फैसला लिया है। बैंक कर्मचारि 30 और 31 जनवरी को हड़ताल करने वाले है। दरअसल, कर्मचारी हड़ताल करके सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की डिमांड कर रहे हैं। ये हड़ताल किस दिन होगी और किसानों की क्या-क्या मांगे है इसके बारे में आपको नीचे जानकारी दी गई है।
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इस महीने जनवरी के आखिर में बैंकों में हड़ताल (Bank Strike) होने वाली है जिसकी वजह से आपके बैंकों के कामकाज अटक सकते हैं। दरअसल 30-31 जनवरी को देश की कुछ बैंकिंग यूनियनों ने हड़ताल करने का आह्वान किया है। बैंक यूनियन के नेताओं का कहना है की (IBM) लगातार कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा करता आया है। कर्मचारियों ने कई बार IBM को पत्र भी भेजे पर उनका भी कोई जवाब नहीं आया। जिसकी वजह से यूनियन को यह हड़ताल करने का फैसला करना पड़ रहा है।
क्या है बैंक कर्मचारियों की मांगे
कर्मचारियों की मांगों में 5 दिन बैंकिंग के कामकाज, पेंशन में सुधार और पुराने सारे बकाये मुद्दों का निराकरण करने के अलावा NPS को पूरी तरह से समाप्त कर पुरानी पेंशन प्रणाली को लागू करना आदि प्रमुख मांगें हैं। इसके अलावा सैलरी का रिविजन और सभी कैडर में खाली पड़ी सीटों को भरने की मांगें शामिल हैं।
बैंक यूनियनों द्वारा इस हड़ताल का स्टेटस 28 जनवरी को आने वाला है। बैंक यूनियनों और मैनेजमेंट के बीच आज एक सुलह बैठक होने जा रही है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBIA) के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम ने बताया है कि, “30 और 31 जनवरी को हड़ताल का आह्वान किया गया है। मंगलवार को मुंबई में उप मुख्य श्रम आयुक्त की सुलह बैठक में बैंक यूनियनों की मांगों का कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है। वहीं दूसरी और भारतीय बैंक संघ (IBA) ने कहा कि वह 15 दिनों के भीतर यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है”।
बजट से ठीक पहले हड़ताल का घोषणा:
यूएफबीयू (UFBU) कई बैंक यूनियनों का एक ग्रुप है, जिन्होंने पहले अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने का फैसला किया था। उनके मुताबिक, सुलह बैठक का अगला दौर आज होगा और इस तरह हड़ताल का आह्वान जारी रहेगा। यदि हड़ताल होती है तो यह 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट से पहले होगी। अब देखना ये है की सरकार आने वाले बजट में बैंक कर्मचारियों की कौन-कौन सी मांगों को पूरा करने में कामयाब होती है।
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