Animal Husbandry: दूध (Milk) की बढ़ती डिमांड के बीच लोग अब खुद के लिए दुधारु पशु खरीद कर अपनी दूध की आवश्यकता को पूरा कर रहे है। यदि आप भी अपने लिये पशु खरीदने जा रहे है, तो उससे पहले आपको कुछ ज़रूरी बातों का खासतौर पर ध्यान रखने की आवश्यकता है। यदि आप यहाँ इस आर्टिकल में इन बातों का ध्यान नहीं रखेंगे तो आपके साथ धोखा हो है।
कृषि के साथ-साथ भारत में पशुपालन का बहुत पुराना व्यवसाय रहा है। अब गांव से लेकर शहरों में भी लोग दुधारु पशु खरीदने लगे हैं। गांव में खेती-किसानी और पशुपालने वाले लोगों तो दुधारु पशुओं के बारे में जानकारी रहती है, लेकिन शहर के लोगों को अभी भी पशुओं की नस्ल के बारे में पूरी जानकारी नही है। पशु की बनावट, दूध की क्षमता, स्वास्थ्य और नए या पुराने पशु की जानकारी होना बेहद जरूरी है।
पशु खरीदते समय इन बातों का ध्यान रखें
Animal Husbandry Tips In Hindi
1. उम्र का रखें ध्यान–
ज्यादातर पशुओं की जनन क्षमता 10 से 12 साल के बाद खत्म हो जाती है। दुधारू पशुओं की दूध उत्पादन सिर्फ तीसरे चौथे ब्यांत तक ही अच्छी रहती है, लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे दूध कम हो जाता है, इसीलिए गाय, भैंस, बकरी जैसे कोई दुधारू मवेशी खरीदने जा रहे हैं तो ध्यान रखें कि दूध के बिजनेस को बढाने के लिए पहले और दूसरे ब्यांत के मवेशी ही लाभकारी हैं।
2. शरीर की बनावट–
एक आदर्श दुधारू पशु का शरीर तिकोना यानी कि आगे से पतला और पीछे से चौड़ा होना चाहिए। पशु की चमड़ी पतली, चिकनी और पूंछ लंबी अच्छी रहती है। पशु की आंखें उभरी हुई और चमकदार हैं तो यह अच्छे और स्वास्थ्य पशु की निशानी है। ध्यान रखें अगर गाय खरीद रहे हैं तो गाय की टांग पतली और चौरस, गर्दन भी पतली, लंबी और स्पष्ट होनी चाहिए।
3. पशु के शरीर की स्थिति–
दुधारू पशु खरीदते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि पशु की बनावट कैसी है। यदि पशु कमजोर है तो उसकी दूध उत्पादन क्षमता भी कम हो सकती है। वहीं अच्छे तंदुरुस्त पशु काफी लंबे समय तक पशुपालक का मुनाफा बढ़ाते हैं। मवेशी का पेट विकसित होना चाहिए। मवेशी के चारों थन एक समान लंबे मोटे और एक दूसरे के बराबर की दूरी पर होने चाहिए। इस बीच आयान की संरचना भी उभरी, टेढ़ी-मेढ़ी और अच्छी तरह से विकसित भी होनी चाहिए।
4. जनन क्षमता–
एक अच्छी दुधारू गाय, भैंस और बकरी वही होती है, जो हर साल एक बच्चा देती है, इसलिए कोई भी दुधारू पशु खरीदने से पहले उसके प्रजनन का इतिहास जान लेना चाहिए। अगर उसमें किसी भी प्रकार की कमी हो तो ऐसा पशु बिल्कल भी ना खरीदें क्योंकि कई बार इन पशुओं में बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे पशुओं में बहुत सी बीमारी वंशानुगत होती है, जिससे गर्भपात होने, स्वस्थ बच्चा नहीं जनना और प्रसव में कठिनाई होने से पशुपालकों की समस्याएं बढ़ सकती हैं।
5. दूध उत्पादन क्षमता–
मवेशी खरीदने से पहले उसकी दूध उत्पादन क्षमता का खास ध्यान रखें. आप चाहें तो पशु खरीदने से पहले पशुपालक की अनुमति से मवेशी का दूध निकाल कर भी देख सकते हैं। इस समय दूध की धार सीधे गिरनी चाहिए और थन धोने के बाद सिकुड़ जाने चाहिए। जब भी कोई दुधारू पशु खरीदे तो किसी पशुओं विशेषज्ञ राय भी ले सकते हैं। गाय, भैंस, बकरी खरीदते समय उसकी नस्ल का खास ध्यान रखें। पशु बेचने वाले पशुपालक से पशु की डाइट, खान-पान के बारे में सारी जानकारी लें। क्योंकि अच्छी नस्ल के पशु की रोग प्रतिरोधी क्षमता और दूध उत्पादन क्षमता अच्छी होती है। यह पशु डेयरी फार्म के कारोबार बढ़ाने में काफी मददगार होते हैं।
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