नई दिल्ली : केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण, मंत्रालय ने गेहूं की बढ़ती कीमतों (Wheat Price) को थामने के लिए एक सर्कुलर जारी करके व्यापारियों / थोक विक्रेताओं एवं विग चेन रिटेलर्स के लिए गेहूं की स्टॉक (Wheat Stock limit) सीमा में संशोधन कर दिया है। मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक़ गेहूं व्यापारियों, थोक विक्रेताओं और बड़ी चेन रिटेलर पर स्टॉक लिमिट को 3,000 टन से घटाकर 2,000 टन कर दिया है। यह कदम तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
इस फैसला की घोषणा करते हुए खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा, ‘‘कीमतों में हालिया वृद्धि को ध्यान में रखते हुए हमने स्टॉक सीमा की समीक्षा की है और आज से व्यापारियों, थोक विक्रेताओं और बड़ी चेन रिटेलर के लिए स्टॉक सीमा को घटाकर 2,000 टन कर दिया गया है।’’
3 महीने पहले लगाई थी 3 हजार टन की स्टॉक लिमिट
3 महीने पहले 12 जून को सरकार ने इन गेहूं कारोबारियों पर मार्च, 2024 तक 3,000 टन की स्टॉक रखने की सीमा लगाई थी। अब स्टॉक लिमिट को घटाकर 2,000 टन कर दिया गया है क्योंकि सरकार ने पाया कि पिछले एक महीने में एनसीडीईएक्स पर गेहूं की कीमतों में 4 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह बढकर 2,550 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।
देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता
चोपड़ा ने कहा, ‘‘हालांकि, देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता है, मुझे लगता है कि कुछ तत्व हैं जो कुछ कृत्रिम कमी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।’’
उन्होंने बताया कि यदि कोई फर्म सरकारी पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हुए पाई गई अथवा भंडारण सीमा का उल्लंघन करते हुए पकड़ी गई तो उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।