Edible Oils Blending: केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में खाद्य तेलों में ब्लेंडिंग यानी मिश्रण को लेकर एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में खाद्य तेलों में अन्य तेलों के मिश्रण के प्रतिशत को बताना अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा ब्लेंडिंग वाले खाद्य तेलों की खुले रूप में बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है, यानी इनकी बिक्री सिर्फ सील पैकिंग में ही होगी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 5 जुलाई, 2023 को एक अधिसूचना जारी कर इसे अनिवार्य कर दिया है। कृषि उपज (श्रेणीकरण एवं चिन्हनांकन) अधिनियम, 1937 के तहत इसे अधिसूचित किया गया है।
केंद्र सरकार के इस फ़ैसले का प्रभाव उन खाद्य तेलों पर अधिक पड़ेगा जिन्हें बहु-स्रोत से तैयार किया जाता हैं। अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि अब खाद्य तेल उत्पादकों को तेल के पैकेट या बोतल पर यह लिखना अनिवार्य होगा कि जो तेल वो तैयार कर रहे हैं उसमें किस तेल की कितनी मात्रा मोजूद है। जिससे उपभोक्ताओं यह जान सके की जो तेल वो इस्तेमाल कर रहे हैं उस तेल में किन किन तेलों का मिश्रण किया गया है। उपभोक्ताओं के साथ साथ किसानों को भी इस फ़ैसले से फायदा होगा क्योंकि इससे स्थानीय तेल की मात्रा ज्यादा हो सकती है जिससे किसानों को लाभ मिलेगा।
केंद्र सरकार ने सरसों के तेल में ब्लेंडिंग पहले ही बंद कर दी है। इसके अलावा अन्य खाद्य तेलों पर अभी तक ऐसा आदेश नहीं था। यही कारण था की उत्पादक सस्ते तेल की मात्रा अधिक मिश्रित कर के बेचते थे। अध्यक्ष शंकर ठक्कर का कहना है कि ऑलिव ऑयल में भी ब्लेंडिंग हो रही थी। उनका कहना है कि उत्पादक अधिक मुनाफ़े के लिए ऑलिव ऑयल में राइस ब्रान को मिलाकर बेच रहे थे। लेकिन, अब खाद्य तेल के उत्पादकों को पैकेट या बोतल पर लिखना होगा कि वो अपने किस ब्रांड में किस-किस तेल की कितनी मात्रा मिला रहे हैं।
अधिसूचना में क्या कहा गया है?
केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन में इन नियमों को मल्टी-सोर्स खाद्य तेल ग्रेडिंग और मार्किंग नियम, 2023 कहा जा सकता है। इसमें कहा गया है कि पिछले “मिश्रित खाद्य वनस्पति तेल (Grading or Marking) नियम, 1991” को इन नए नियमों से हटा दिया गया है। इसमें कहा गया है कि नए नियमों को कृषि उपज अधिनियम, 1937 के तहत अधिसूचित किया गया है।
अधिसूचना में ब्लेंडिंग वाले खाद्य तेल के पैकेटों पर दी जाने वाली जानकारी को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं। इसके मुताबिक, पैकेट पर ब्रांड नाम या ट्रेड नाम के ठीक नीचे खाद्य वनस्पति तेल का नाम, उसका स्वरूप (परिष्कृत या कच्चा) और ब्लेंडिंग का प्रतिशत देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा पैकेजिंग लेबल पर अति परिष्कृत, अतिरिक्त परिष्कृत, सूक्ष्म परिष्कृत, डबल परिष्कृत, अल्ट्रा परिष्कृत जैसे किसी शब्द का प्रयोग नहीं किया जाएगा। अधिसूचना में कहा गया है कि ब्लेंडिंग वाले खाद्य तेलों की बिक्री खुले रूप में नहीं की जाएगी। इनकी बिक्री सिर्फ सील किए गए पैकेजों, जिनका वजन 15 लीटर या 15 किलो से अधिक नहीं होगा, में की जाएगी। बहु-स्रोत खाद्य तेलों का कंटेनर टेंपर प्रूफ होगा।
कितने प्रतिशत होगा मिश्रण
अधिकारियों ने कहा कि जहां FSSAI बाजार में बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थों को नियंत्रित करता है, वहीं एगमार्क ने विनिर्माण के दौरान इन नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए कंपनी के विशिष्ट कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि इन नियमों के तहत, जब दो प्रकार के खाद्य तेलों को मिश्रित किया जाता है, तो प्रत्येक तेल की मात्रा कम से कम 20% होनी चाहिए। अगर कोई 20% से कम मिश्रण करना चाहता है तो इसका कोई मतलब नहीं है, बल्कि प्रोसेसर को केवल एक ही किस्म का शुद्ध 100% तेल बनाना चाहिए। ठक्कर ने आगे कहा कि उपभोक्ता की दृष्टि से यह कदम आवश्यक था।