नई दिल्ली : 1 अप्रैल 2023 से नया वित्त वर्ष (New Financial Year) शुरू होने जा रहा है। क्या इस नये फाइनेंशियल ईयर की से Google Pay, Phone Pay और Paytm जैसे डिजिटल माध्यम से यूपीआई के जरिये पेमेंट (UPI -Unified Payments Interface) करना महंगा होने वाला है? मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक़ मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 2000 रुपये से ज्यादा के मर्चेंट पेमेंट पर PPI चार्ज लगाने की सिफारिश की है। इन खबरों पर NPCI ने आज बुधवार को एक प्रेस रिलीज जारी कर अपना रुख साफ किया है और कहा है कि यूपीआई फ्री है।
UPI transactions पर जताई गई थी ये आशंका
मंगलवार को जारी मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि NPCI ने प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानि PPI लगाने की तैयारी की है। ये चार्ज 0.5-1.1 फीसदी लगाए जाने की सिफारिश की गई है। सर्कुलर में UPI के जरिए 2,000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजेक्शन पर 1.1 फीसदी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानि PPI लगाने का सुझाव दिए जाने का जिक्र किया गया था, जो मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने पर देय होगा।
NPCI ने किया सरचार्ज वसूली से इनकार
UPI Transactions: एनपीसीआई ने बुधवार को जारी रिलीज में कहा है कि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) फ्री, फास्ट, सुरक्षित और निर्बाध है। हर महीने बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स और कारोबारियों के लिए 8 अरब रुपये से अधिक लेन-देन बिल्कुल फ्री संसाधित किए जाते हैं। NPCI की ओर से ये रिलीज उन खबरों के बाद जारी की गई है, जिनमें बताया गया था कि UPI से 2000 रुपये से ज्यादा मर्चेंट पेमेंट पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट PPI चार्ज वसूले जाने की आशंका जताई गई थी।
UPI transactions above Rs 2,000 to be chargeable from April 1? NPCI clarifies
30 सितंबर से पहले की जाएगी समीक्षा
बता दें, रिपोर्ट में ये भी कहा गया था कि PPI में वॉलेट या कार्ड के जरिए ट्रांजैक्शन आता है। आम तौर पर इंटरचेंज फीस कार्ड भुगतान से जुड़ी हुई होती है और इसे लेन-देन को स्वीकार करने और लागत को कवर करने के लिए लागू किया जाता है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन (NPCI) ने अपने सर्कुलर में कहा है कि इस नए नियम को 1 अप्रैल से लागू करने के बाद इसकी समीक्षा 30 सितंबर, 2023 से पहले की जाएगी। बता दें नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन (NPCI) ने अलग-अलग क्षेत्र के लिए अलग-अलग इंटरचेंज फीस निर्धारित की है। फार्मिंग और टेलीकॉम सेक्टर में सबसे कम इंटरचेंज फीस वसूला जाता है।
दरअसल, इंटरचेंज फीस मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने वाले पर देनी होती है। रिपोर्ट में जहा 2000 रुपये से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर एक्स्ट्रा चार्ज की बात कही गई थी, तो वहीं दावा किया गया था कि बैंक अकाउंट और PPI वॉलेट के बीच पीयर-टू-पीयर (P2P) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (P2PM) में किसी तरह के ट्रांजैक्शन पर कोई शुल्क नहीं देना होगा।