जयपुर : होली से पहले राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला किया है। राज्य सरकार ने पंचायती राज विभाग के पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों के मानदेय और भत्तों में 15% की बढ़ोतरी की है। इन बढ़े हुए मानदेय व भत्तों की राशि 1 अप्रैल से लागू होगी और प्रतिनिधियों के वेतन बढ़ोतरी होगी । इस संबंध में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने आदेश जारी किया है।
जानें किनका और कितना बढ़ेगा वेतन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग राजस्थान के अंतर्गत सभी जनप्रतिनिधियों के मानदेय एवं बैठक भत्ते की दरों में 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इस संबंध में ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने आदेश जारी किया है। इसके अनुसार जिला प्रमुख को मिलने वाले मानदेय 12,000 रुपए से बढ़ाकर 13,800 रुपए, प्रधान का 8400 रुपए से बढ़ाकर 9600 एवं सरपंच का मानदेय 4800 से बढ़ाकर 5520 रुपए किया गया है।
इसी प्रकार जिला परिषद सदस्य का बैठक भत्ता 600 से बढ़ाकर 690 रुपए, पंचायत समिति सदस्य का बैठक भत्ता 420 से बढ़ाकर 483 रुपए तथा ग्राम पंचायत सदस्य का बैठक भत्ता 240 से बढ़ाकर 276 रुपए किया गया है। यह वृद्धि 1 अप्रैल से लागू होगी।
बजट 2023-24 में की थी घोषणा
- हाल ही में सीएम अशोक गहलोत ने वर्ष 2023-24 की बजट घोषणाओं के तहत पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के मानदेय एवं बैठक भत्तों में 15% वृद्धि का प्रस्ताव किया था।
- सीएम ने बजट में पंचायतीराज संस्थानों एवं नगरीय निकायों के जन प्रतिनिधियों के भत्ते एवं मानदेय में 15% की बढ़ोतरी की घोषणा की थी, इसमें सरपंच को 720 रुपए प्रति महीने, जिला प्रमुख को 1800 रुपए, पंचायत समिति प्रधान को 1260 रुपए, पंच को 36 रुपए, पंचायत समिति सदस्य को 63 रुपए और जिला परिषद सदस्य को 90 रुपए का लाभ होगा।
- पंचायती राज मंत्री रमेश चन्द मीणा ने विधानसभा के प्रश्नकाल के दौरान विधायक पानाचंद मेघवाल के प्रश्न के लिखित जवाब में बताया था कि विभागीय अधिसूचना के अनुसार सरपंच को इस समय मानदेय 4800 रुपये प्रति माह देय है। वर्तमान में सदस्य, जिला परिषद को 600 रुपये बैठक भत्ता (प्रति बैठक), सदस्य, पंचायत समिति को 420 रुपये बैठक भत्ता (प्रति बैठक) तथा वार्ड पंच 240 रुपये बैठक भत्ता (प्रति बैठक) देय है।