Micro Irrigation : दिन प्रतिदिन बढ़ रही जनसँख्या के कारण पानी की किल्लत भी बढ़ती जा रही है। इसी दिशा में ध्यान देते हुए इस बार के बजट में हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर ने माइक्रो सिंचाई ( Micro Irrigation) योजना के लिए करीब 7 हजार करोड़ रूपए का बजट पास किया है। यानि कि हरियाणा सरकार गन्ने ( Sugarcane) की फसल में सूक्षम सिंचाई योजना लागु करने पर जोर दे रही है. इससे किसानों की पानी की खपत काम होगी। यानि की काम पानी में ज्यादा फसल पा सकते है।
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हरियाणा सरकार का लक्ष्य है कि अगले तीन वेर्शोन में 2 लाख एकड़ भूमि पर माइक्रो सिंचाई योजना के तहत गन्ने की खेती की जाएगी। ताकि पानी की बचत की जा सके.
सिंचाई के लिए जारी किये 6598 करोड़ रूपए
हरियाणा सरकार ने इस बार के बजट में सिंचाई की योजनाओं के लिए 6598 करोड़ रूपए की घोषणा की है। ये राशि पिछले बजट की तुलना में करीब 30 प्रतिशत अधिक है। सरकार ने अगले तीन वर्षों में 2 लाख एकड़ भूमि पर माइक्रो सिंचाई योजना से गन्ने की खेती करने का लक्ष्य रखा है। इससे पानी की खपत में काफी हद तक कमी आएगी। गन्ने के अलावा कुल मिलकर प्रदेश में 2.5 लाख एकड़ भूमि पर माइक्रो सिंचाई तकनीक से खेती करने का लक्ष्य रखा है।
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Micro Irrigation: मंडियों में भी मिलेगी प्राथमिकता
Micro Irrigation: इतना ही नहीं , माइक्रो सिंचाई से पकाई हुई गन्ने की फसल वाले किसानों को चीनी मिलों ( Sugar Mill) में भी प्राथमिकता दी जाएगी। इससे इस तकनीक और अधिक बढ़ावा मिलेगा। हरियाणा में भू जल का स्तर ( Ground water level) भी गिरता जा रहा है। इसलिए आने वाली पीढ़ियों के लिए जल बचना बहुत आवश्यक है।
माइक्रो इरीगेशन कमांड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी ( Micro Irrigation Command Area Development Authority – MICADA) भी इस योजना पर जोर दे रही है। इसके अलावा पर ड्राप मोर क्रॉप ( Per Drop More Crop – PDMC) योजना के तहत किसानों को माइक्रो सिंचाई पर 85 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है।
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