2000 Rupees Note Latest News: हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने जब से 2000 के नोट को चलन से वापस लेने का फैसला किया है तब से हर रोज़ इससे जुड़ी खबरें प्रकाशित की जा रही हैं। जिनमें कुछ खबरें ऐसी भी है जिनका आजतक किसी को पता नहीं था। ऐसा ही एक नई जानकारी निकाल का सामने आई है, ख़बरों के मुताबिक़ देश में 2 हजार रुपये के नोट के आने से पहले 5000 और 10,000 रुपये के नोट लाने का प्रस्ताव भी दिया गया था।
किसने और क्यों दिया था 5 और 10 हजार के नोट लाने का आइडिया?
क्या आपको पता है की साल 2016 में मोदी सरकार द्वारा की गई नोटबंदी और 2000 रुपये के नोट के जारी होने से पहले 10,000 रुपये के नोट लाने के विचार पर विवाद हो चुका है। पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने इससे पहले 5,000 और 10,000 रुपये के नोट लाने के सुझाव दिया था । इकॉनोमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई द्वारा पब्लिक अकाउंट कमिटी को दी गई जानकारी के मुताबिक केंद्रीय बैंक ने अक्टूबर 2014 में ऐसा करने का सुझाव दिया था। उस समय 10,000 के नोट को लाने के पीछे का कारण 1000 रुपये के नोट का मूल्य महंगाई से कम होना बताया गया था।
इसके 18 महीने बाद मई 2016 में सरकार ने आरबीआई को 2000 रुपये के नोट पेश करने के अपने निर्णय के बारे में बताया। उस समय के तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार ने 5,000 और 10,000 रुपये के नोट लाने की सिफारिश को स्वीकार नहीं किया। बाद में पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने कहा था कि जालसाजी के डर से बड़े नोटों को चलन में रखना मुश्किल है। सितंबर 2015 में उन्होंने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की थी कि अगर हम बहुत बड़े नोट बनाते हैं तो फर्जीवाड़ा होगा।
2000 के नोट को वापस लेने पर पी चिदंबरम ने साधा निशाना
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के 2000 के नोट को सर्कुलेशन से वापस लेने के फैसले के बाद राजनीति भी गरमा गई है। आरबीआई के इस फैसले पर पी चिदंबरम ने निशाना साधते हुए कहा कि 2000 रुपये के नोट से काला धन रखने वालों को मदद मिली है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार और केंद्रीय बैंक इसके पीछे का कारण बताने से मना कर रही है। उन्होंने विश्लेषकों का हवाला देते हुए कहा कि यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देश में अलग-अलग राज्यों में आम चुनाव होने वाले हैं। आमतौर पर ऐसे में कैश का इस्तेमाल बढ़ जाता है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कही ये बात
हालाँकि 2000 के नोट को सर्कुलेशन से वापस लेने के फैसले के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि इसे चलन से हटाने का कदम स्वच्छ नोट नीति का ही हिस्सा है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि 2000 का नोट वैध मुद्रा बना रहेगा।