कोटा मंडी : रसोई में रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं के दामों में तेजी के कारण रसोई का बजट बिगड़ चुका है। बीते 2 महीनों में लहसुन, लाल मिर्च, जीरा, साबुत धनिया, देसी घी, अदरक इत्यादि के भावों में आई अप्रत्याशित तेजी से आम आदमी की हालत खराब हो गई है। लाल मिर्च के खुदरा भाव में 100 से 150 रुपए प्रति किलो, जीरा भाव में 250 से 300 रुपए की बढ़ोतरी आई है।
जिससे पहले जहां लोग सालभर के लिए मसालों की पिसाई करवा कर रखते थे वे अब भाव गिरने का इंतजार कर रहे हैं। मूंग दाल और अरहर दाल के भाव तेज होने से अब दाल-रोटी खाने वाले परिवारों की थाली में दाल तो महज सपना भर रह गई है।
महंगाई से सबसे ज्यादा बेहाल निम्न व मध्यम वर्ग के परिवारों का है, जो प्रतिदिन मजदूरी कर शाम को आवश्यक खाद्य सामग्री लेकर परिवार का भरण पोषण करते हैं। मध्यम वर्ग की भी हालत रसोई के बढ़ते बजट के कारण खराब है। रही सही कसर हर घर में काम आने वाले LPG के सिलेंडर के दामों में बढ़ोतरी होना है। घरेलू सिलेंडर के भाव 1100 रुपए तक पहुंच गए हैं।
खाद्य पदार्थ के भाव प्रति किलो रुपए में
खाद्य पदार्थ | अब के दाम | पहले के दाम |
जीरा | 550-600 | 200-250 |
देसी घी | 585 | 525 |
लहसुन | 80-90 | 50-60 |
लाल मिर्च | 300-350 | 180-200 |
साबुत धनिया | 300-350 | 120-130 |
आटा दस किलोग्राम | 300-320 | 270-290 |
मूंग दाल | 75 | 110 |
तुअर | 90 | 100 |
नमक | 25 | 23-24 |
चीनी | 40 | 38 |
चावल | 45-50 | 40-45 |
इधर कुछ राहत
खुदरा विक्रेता झाबरमल पिलानिया ने बताया कि राहत की बात है कि हल्दी और धनिया, तेल में भाव में ज्यादा अंतर नहीं आया है। आटा, रिफाइंड तेल, सरसों का तेल के औसत भाव 15 रुपए प्रति किलो तक कम हुए हैं। खुदरा की दुकानों पर साबुत हल्दी थोक में करीब अस्सी रुपए प्रति किलो की दर से बिक रही है जबकि यही पिसाई होने के बाद रिटेलर इसे 160 से 200 रुपए तक बेच रहा है। थोक में यह धनिया 128 से 130 रुपए में मिल रहा है लेकिन पिसाई के बाद इसे रिटेलर 200 से 220 रुपए में बेच रहा है।