हरियाणा में नायब सिंह सैनी सरकार ने प्रदेश के थैलेसीमिया और हीमोफीलिया मरीजों (Thalassemia and Hemophilia Patients) को आर्थिक सहारा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार के इस फैसले से अब प्रदेश के 3 लाख रुपये वार्षिक आय वाले परिवारों के इन मरीजों को दिव्यांगता की श्रेणी में रखते हुए ₹3000 प्रति माह पेंशन दी जाएगी। यह पेंशन 18 वर्ष से अधिक आयु के मरीजों को “हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियम-2016” में संशोधन के तहत मिलेगी।
कैबिनेट बैठक में हुआ था निर्णय
30 जनवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया था। हालांकि, अधिसूचना में देरी के कारण योजना लागू नहीं हो पाई थी। अब सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. जी अनुपमा ने “हरियाणा दिव्यांग पेंशन नियम-2016” में संशोधन की अधिसूचना जारी कर दी है।
पेंशन से लाभान्वित होंगे 2083 मरीज
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा में 1300 थैलेसीमिया और 783 हीमोफीलिया मरीज हैं। अब इन 2083 मरीजों को सालाना कुल ₹7.5 करोड़ की पेंशन दी जाएगी। यह कदम इन मरीजों के जीवन में आर्थिक स्थिरता लाने में मदद करेगा।
पात्रता के लिए नियम और शर्तें
- मरीज हरियाणा का मूल निवासी हो ।
- लाभार्थी को कम से कम 3 साल से हरियाणा में निवास कर रहा हो ।
- थैलेसीमिया और हीमोफीलिया प्रमाणपत्रों का सत्यापन सिविल सर्जन द्वारा हर साल किया जाएगा।
पेंशन योजनाओं की 14 श्रेणियाँ
हरियाणा सरकार द्वारा वर्तमान में 14 अलग-अलग श्रेणियों में पेंशन प्रदान की जा रही है। जो की निम्न रूप से है।
- वृद्धावस्था सम्मान भत्ता: बुजुर्ग नागरिकों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- विधवा एवं निराश्रित महिला पेंशन: उन महिलाओं के लिए जो विधवा हैं या निराश्रित जीवन यापन कर रही हैं।
- दिव्यांग पेंशन: 60% से अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्तियों को वित्तीय सहायता।
- लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता: लड़कियों की सुरक्षा और कल्याण के लिए।
- निराश्रित बच्चों को वित्तीय सहायता: बेसहारा बच्चों के लिए आर्थिक मदद।
- बौना भत्ता: बौनापन से प्रभावित व्यक्तियों के लिए।
- किन्नर भत्ता: किन्नर समुदाय के लोगों को वित्तीय सहायता।
- स्कूल न जाने वाले दिव्यांग बच्चों के लिए सहायता: उन बच्चों को सहायता जो स्कूल नहीं जा सकते।
- कश्मीरी प्रवासियों को वित्तीय सहायता: कश्मीर से विस्थापित लोगों के लिए।
- विधुर एवं अविवाहित व्यक्तियों को वित्तीय सहायता: पात्र विधुर और अविवाहित व्यक्तियों के लिए।
- कैंसर रोगियों को सहायता: तीसरी और चौथी स्टेज के कैंसर से जूझ रहे मरीजों को।
- दुर्लभ बीमारियों के रोगियों को सहायता: दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए।
- शारीरिक एवं मानसिक विकलांगता पेंशन: मानसिक और शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को।
- अंधापन और श्रवण दोष वाले व्यक्तियों के लिए सहायता: दृष्टिहीनता या सुनने में असमर्थता से प्रभावित व्यक्तियों को आर्थिक मदद।
सरकार की पहल से इन मरीजों को मिलेगी राहत
सरकार की इस योजना से थैलेसीमिया और हीमोफीलिया जैसे गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को न केवल आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि यह उनके परिवारों पर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को भी कम करेगा।