नई दिल्ली: बुआई में हुई बढ़ोतरी से चालू रबी सीजन में सरसों का उत्पादन (Mustard Production in India 2023) 22.18 फीसदी बढ़कर 113 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि पिछले साल 92.48 लाख टन का उत्पादन हुआ था है। उत्पादक राज्यों में पहली मार्च 2023 को 6 लाख टन का बकाया स्टॉक भी बचा हुआ है। अत: कुल उपलब्धता 119 लाख टन की बैठेगी।
सरसों तेल क्षेत्र की शीर्ष संस्था सेंट्रल आर्गनाइजेशन ऑफ ऑयल इंडस्ट्री एंड ट्रेड (कुईट) द्वारा आयोजित तेल तिलहन सेमिनार से मिले आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल देश भर में 86.04 लाख हैक्टेयर में सरसों की बुआई की गई थी, जबकि चालू रबी सीजन में बढ़कर 92.48 लाख हेक्टेयर में हुई थी। हालांकि मौसम गर्म होने से इस साल सरसों की उत्पादकता में कमी आई है। पिछले साल प्रति हेक्टेयर सरसों की यील्ड 1,270 किलो रही थी, जोकि इस साल घट कर 1,221 किलो रह गई है।
कुईट के अनुसार चालू रबी में उत्तर प्रदेश में सरसों का उत्पादन अनुमान 14 लाख टन का, राजस्थान में 52 लाख टन, पंजाब एवं हरियाणा में 9 लाख टन, गुजरात में 4.75 लाख टन, मध्य प्रदेश में 16 लाख टन तथा पश्चिम बंगाल में 6 लाख टन एवं अन्य राज्यों में 11.25 लाख टन का है। पिछले साल उत्तर प्रदेश में सरसों का उत्पादन 8.94 लाख टन का, राजस्थान में 38.52 लाख टन का, पंजाब एवं हरियाणा में 7.85 लाख टन, गुजरात में 3.05 लाख टन, मध्य प्रदेश में 14.04 लाख टन तथा पश्चिम बंगाल में 6.59 लाख टन एवं अन्य राज्यों में 13.49 लाख टन का हुआ था।
नई सरसों का दाम भी घटकर उत्पादक मंडियों में 4,800 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं, जबकि चालू रबी सीजन में केंद्र सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,450 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। हरियाणा की मंडियों में सरसों की एमएसपी (MSP )पर खरीद 15 मार्च से शुरू होगी। व्यापारियों के अनुसार आयातित खाद्य तेलों के दाम कमजोर होने से सरसों एवं इसके तेल कीमतों में लगातार मंदा बना हुआ है।